Lumpy Virus In Rajasthan: बीते 2-3 साल मनुष्य और पशुओं के लिए बहुत संघर्ष पूर्ण रहे हैं. पहले इंसानों में कोराना का कहर बरपा फिर लंपी वायरस पशुओं का काल बनकर आया. लंपी वायरस ने लाखों पशुओं को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें सबसे अधिक गायें शामिल थीं. सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में बड़े पैमाने पर टिकाकरण अभियान शुरू किया. टिकाकरण के बाद लंपी वायरस से ग्रसित संख्या में काफी कमी देखने को मिली. तो वहीं अब राजस्थान सरकार ने पशुपालकों को राहत देने का काम किया है, राज्य सरकार लंपी वायरस से मृत पशुओं के मालिकों को 40 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर देगी.
पशुपालकों को मिलेंगे 40 हजार रुपए
लंपी वायरस का कहर सबसे अधिक राजस्थान में देखने को मिला. जिसके चलते अकेले राजस्थान में 50 हजार से अधिक पशुओं की मौत हो गई. लेकिन अब राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को बजट में पशुपालकों के लिए मुआवजे का ऐलान किया. बजट पेश करते हुए राज्य सरकार ने लंपी वायरस से मरने वाले दुधारू पशुओं पर प्रति गाय 40 हजार रुपए देने का ऐलान किया.
राजस्थान सबसे अधिक प्रभावित
कोरोना महामारी की तरह ही लंपी वायरस से पशुओं की मौत की भयानक स्थिति सामने आई थी. सितंबर माह में राजस्थान में जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में करीब 11 लाख पशु लंपी वायरस की चपेट में आए और इनमें से करीब 47 हजार गौवंशों की मौत हुई. हालांकि इसके बाद सरकार के टिकाकरण अभियान से महामारी में कमी देखने को मिली.
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पश्चिमी राजस्थान में फैला लंपी वायरस
राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में इसका सबसे अधिक प्रकोप देखने को मिला था, जिसमें नागौर, जैसलमेर, पाली, बीकानेर, जोधपुर, धौलपुर और बाड़मेर जिले शामिल थे. अकेले पश्चिमी राजस्थान में नजर डालें तो सिर्फ यहां से 17 हजार गौवंश इसकी चपेट में आए थे. बता दें कि ये वह आंकड़े थे जो सरकार द्वारा दर्ज किए गए थे, वहीं लंपी वायरस की चपेट में आने वाले पशुओं की संख्या अधिक हो सकती है.
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