पंजाब सरकार ने राज्य के किसान भाई की आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने के लिए एक नई पहल की शुरूआत की है. ताकि किसानों की शिकायतों पर जल्द से जल्द सरकार हल कर सके. इसी के चलते पंजाब सरकार बैसाखी के अवसर पर किसानों को मुआवजा प्रदान करने के लिए एक पहल की शुरूआत की है. बता दें कि बारिश और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान का आकलन करने वाली विशेष गिरदावरी को काम पूरा करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
बीते कुछ दिनों में भारी बारिश ने राज्य के लगभग 16 जिलों में 34.90 लाख हेक्टेयर भूमि में से करीब 13.60 लाख हेक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल का लगभग 40% नुकसान पहुँचाया है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है.
यह भी बताया जा रहा है कि कुछ जगहों पर गिरदावरी के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने की शिकायतें मिली हैं. इस संदर्भ में राज्य के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने किसानों को किसी भी अनुचित या अनुचित अभ्यास की रिपोर्ट करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र द्वारा तैनात टीमों ने नमूने एकत्र किए हैं, और शीघ्र ही खरीद मानकों में छूट के बारे में एक घोषणा की उम्मीद जताई जा रही है. फसल नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व अमले को भौगोलिक सूचना प्रणाली पर विवरण अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, पटवारियों की यूनियन ने कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया है, जो गिरदावरी के समय पर पूरा होने में बाधा उत्पन्न कर सकता है.
मुआवजे में 25% की बढ़ोतरी
राज्य में किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. 75% से अधिक नुकसान होने पर 6,800 रुपये प्रति एकड़ का नया मुआवजा दिया जाएगा, जो कि पिछली राशि 5,400 रुपये प्रति एकड़ से अधिक है. गिरदावरी के चल रहे कार्य की निगरानी कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा की जा रही है, जिन्होंने गिरदावरी प्रक्रिया के संबंध में किसानों को शिकायत दर्ज कराने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 9309388088 जारी किया है. शनिवार के दिन आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने किसानों के साथ बातचीत करने के लिए खेतों का दौरा किया और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष पैकेज की मांग की.
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चड्ढा ने पत्र के साथ क्षतिग्रस्त गेहूं की फसल (Wheat Crop) के नमूने भी भेजे और इस बात पर जोर दिया कि केंद्र किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से खुद को नहीं हटा सकता, क्योंकि पंजाब ने देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने सीतारमण से किसानों को उनके नुकसान की पर्याप्त भरपाई के लिए पंजाब को एक विशेष पैकेज प्रदान करने पर विचार करने का आग्रह किया.
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