कार खरीदने की अगर आप सोच रहे हैं तो स्वाभाविक सी बात है आपने लोन का भी जरूर कुछ सोच रखा होगा. ऐसे में अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, फेस्टिव सीजन के मौके पर आपका काम और भी आसान हो सकता है.
1 नवंबर से देश की राजधानी दिल्ली में व्हीकल लोन लेने वाले किसी भी आवेदक को व्हीकल हाइपोथिकेशन (गिरवी अधिकार) ऐड करने, जारी रखने या इसे खत्म करने के लिए बैंक या RTO जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इसके साथ उन्हें किसी भी दस्तावेज को फिजिकली जमा करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि 1 नवंबर से किसी भी ऐप्लीकेंट को हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन के लिए बैंक या आरटीओ जाने की जरूरत नहीं होगी. यह कॉन्टैक्ट लेस्स सर्विसेज के जरिए किया जाएगा. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली देश में पहला राज्य बन गया है, जिसने इस क्षेत्र में इस तरह का काम करके दिखाया है. इस तरह के कामों में लोगों से लेकर कर्मचारियों पर भी ख़ासा वर्क लोड होता है. ऐसे में जरुरत है कि हम इसे कम कर लोगों और कर्मचारियों को हो रही समस्या का समाधान निकालें.
क्या है हाइपोथिकेशन ?
हाइपोथिकेशन वह प्रक्रिया है, जिसमें लोन पर लिए गए और बैंक या कर्ज देने वाली संस्था द्वारा कोलेटरल पर रखे गए वाहन का स्वामित्व वापस खरीदार को दे दिया जाता है. आपको बता दें कि कोरोना काल में हुई मन्दी का असर पूरे विश्व पर पड़ा है.
ख़ासकर ऑटो सेक्टर को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. नई गाड़ियां कम खरीदी जा रही हैं और जो पहले से गाड़ियां हैं, उसे लोग कम ही चला रहे हैं.
ऐसे में लोगों के सामने एक मौका यह है कि अगर गाड़ी लेनी ही है तो पूरी मोल-मोलाई के साथ लेनी चाहिए. यानी कि गाड़ी लोन पर लें तो यह पता करें कि कहां ब्याज दर कम लग रहा है. जहां ब्याज में फायदा हो, वहां से लोन लेकर गाड़ी खरीदने में आसानी होगी.
जी हाँ, व्हीकल लोन के डेटा को वाहन पोर्टल के साथ इंटिग्रेट किया जाएगा और लोन ऐड या भुगतान हो जाने के बाद उसका डेटा सीधे बैंक द्वारा VAHAN डेटाबेस में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इस सिलसिले में दिल्ली सरकार ने बैंकों, वित्तीय संस्थानों और NBFCs को अपने व्हीकल
लोन के डेटा को राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल के साथ इंटिग्रेट करने के लिए कहा है.
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