अन्य राज्यों के बाद अब झारखंड भी जैविक खेती की ओर अग्रसर होता दिखाई दे रहा है. राज्य में 29 और 30 नवंबर 2018 को दो दिवसीय ग्लोबल समिट का आयोजन किया गया. गुजरात के बाद झारखंड ऐसा दूसरा राज्य है जहां इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजन में राज्य में विभिन्न प्रकार की खेती के आपार संभावनाओं को दर्शाया गया. इसमें प्रमुख तौर पर जैविक खेती पर ज़ोर दिया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संबोधन में कहा कि “मैं एक आम मज़दूर हूं और टाटा स्टील में कार्य करते हुए मेरा यह अनुभव रहा है कि ग्रामीण भारत के विकास से ही देश की अर्थव्यवस्था को रफ़तार मिलेगी”. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “राज्य में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को साकार करने के लिए हम दिन- रात मेहनत करेंगे”.
रघुवर दास के इन बयानों को और मज़बूती देने और राज्य की कृषि क्षेत्र में अपना योगदान देने में बाबा रामदेव भी पिछे नहीं रहे. राज्य में जैविक खेती करने वाले किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड अब एक अहम भूमिका निभाएगा. खबरों के अनुसार पतंजलि किसानों के द्वारा उपजाए जैविक उत्पादों को खरिदेगा. यह ही नहीं किसानों को ज्यादा लाभ देने के लिए कंपनी किसानों से सिधे इन उत्पादों की ख़रीद करेगा. बाबा ने कहा कि पतंजलि किसानों की जैविक उत्पाद को बाज़ार भाव से देढ़ गुणा ज्यादा भाव में खरिदेगा.
राज्य में कृषि विकास दर को बढ़ाने के लिए यह आयोजन काफी लाभाकारी हो सकता है लेकिन, इसके लिए एक बेहतर कार्यप्रणाली की आवश्यक्ता है. राज्य में इज़रायल तकनिक को भी विकसित करने की बात की जा रही है जो सिंचाई जैसी मुख़्य समस्या को दूर करने में सहायक साबित हो सकती है.
जिम्मी, कृषि जागरण
Share your comments