देशभर के किसानों के लिए धान की तेज खरीद काफी फायदेमंद साबित हो रही है. इस खरीफ सीजन में धान की खरीद 700 एलएमटी के आंकड़े के पार पहुंच गई है, जिसके एवज में किसानों को लगभग 1,45,845 करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान किया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, 20 फरवरी 2023 तक कुल 702 एलएमटी से अधिक धान की खरीद के साथ केएमएस 2022-23 (खरीफ फसल) के लिए धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है. इसके एवज में अब तक किसानों के खाते में 1,45,845 करोड़ रुपये का सीधे भुगतान किया गया है. इसके साथ ही वर्तमान में चल रहे केएमएस खरीद कार्यों से कुल 96 लाख से अधिक किसान पहले से ही लाभान्वित हो चुके हैं.
मंत्रालय ने कहा कि परेशानी मुक्त खरीद संचालन के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. केन्द्रीय पूल में 20 फरवरी 2023 तक खरीदे गए धान के बदले चावल की आपूर्ति लगभग 218 एलएमटी है. देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए केन्द्रीय पूल में वर्तमान में चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है.
वर्तमान केएमएस 2022-23 की खरीफ फसल के लिए, 765.43 एलएमटी धान (चावल के मामले में 514 एलएमटी) की खरीद का अनुमान लगाया गया है. जबकि, पिछले केएमएस 2021- 22 (खरीफ फसल) के दौरान वास्तव में 749 एलएमटी धान (चावल के मामले में 503 एलएमटी) की खरीद की गई थी.
केएमएस 2022-23 की रबी फसल के लिए धान की अनुमानित खरीद को 1 मार्च को होने वाली आगामी खाद्य सचिवों की बैठक में अंतिम रूप दिया जा रहा है. रबी फसल को शामिल किए जाने के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि पूरे केएमएस 2022-23 के दौरान लगभग 900 एलएमटी धान की खरीद की जा सकेगी.
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इस बीच, केंद्र सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) आटा मिलों को ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए OMSS (D) 2023 के तहत खुले बाजार में 20 LMT अतिरिक्त मात्रा में गेहूं की बिक्री कर सकता है.
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