
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन योजना के तहत मधुबनी जिले के पांच प्रखंडों जयनगर, खजौली, बाबूबरही, अंधराठाढ़ी एवं झंझारपुर की चयनित कृषि सखियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार से कृषि विज्ञान केंद्र, सुखेत झंझारपुर में शुरू हुआ. यह प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र, सुखेत एवं कृषि विभाग, मधुबनी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है.
प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक के खेती को प्रोत्साहित करना है. प्रशिक्षण के बाद कृषि सखियां अपने-अपने क्लस्टर में किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी. इसके साथ ही वे जीवामृत, बीजामृत, घन जीवामृत, अग्न्यास्त्र और ब्रह्मास्त्र जैसी जैविक विधियों की तैयारी और प्रयोग का प्रदर्शन भी करेंगी.
विशेषज्ञों ने दी जानकारी
उद्घाटन सत्र में जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी ने कृषि सखियों को किसानों के बीच जाकर उनके संशय दूर करने और बेहतर प्रशिक्षण देने की सलाह दी. सहायक निदेशक (रसायन) अमित कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर आप सभी प्राकृतिक खेती की विशेषज्ञ बनेंगी.
कृषि विज्ञान केंद्र, सुखेत के वरीय वैज्ञानिक सह-प्रधान डॉ. एस. के. गैंगवार ने बताया कि यह आवासीय प्रशिक्षण है और प्रतिभागियों को केंद्र में चल रहे कार्यों का भी अवलोकन कराया जाएगा. फार्मर मास्टर ट्रेनर महेश्वर ठाकुर ने प्राकृतिक खेती की बारीकियों और इसके लाभों पर विस्तार से चर्चा की.
व्यापक सहभागिता
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राहुल सिंह राजपूत, डॉ. सौरभ चौधरी, उप परियोजना निदेशक (आत्मा) डॉ. वीरेंद्र कुमार, नंदन कुमार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक शिव कुमार सिंह सहित सभी चयनित कृषि सखियां मौजूद थीं.
Share your comments