नवरात्र के पहले ही दिन दिल्ली समें त नॉएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में भारी संख्या में लोग बीमार हो गए हैं.दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सभी मामले फूड प्वाइजनिंग के हैं और फिलहाल सभी की हालत अब खतरे से बाहर है.
फूड प्वाइजनिंग के सबसे ज़्यदा मामले दिल्ली के कल्याणपुरी, महरौली और त्रिलोकपुरी से सामने आयी है, जिसके मद्देनजर सभी को लाल बहादुर शास्त्री और फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक तरफ जहां देश में कोरोना का कहर वापस लौट आया है, वही दूसरी तरफ ऐसे मामले भी थम नहीं रहे. आमतौर पर बहुत लम्बे समय से देखा जाता है कि देश में पूजा त्यौहार के उत्सव पर मिलावटी सामान का बाजार बढ़ जाता है, लेकिन अब नवरात्र में कुट्टू के आटे में मिलावट हो रही है.
कुट्टू के आटे का सेवन किए अधिकतर लोगों के पेट में दर्द, जी मिचलना, दस्त, बुखार और शरीर में दर्द के लक्षण देखें गए. पूर्वी दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरीश मनसुखानी के मुताबिक, मंगलवार रात से अब तक 490 मरीज आ चुके हैं जिन्हें कुट्टू का आटे की वजह से उल्टी और दस्त की शिकायत शुरू हुई. इनमें दो मरीजों को ग्लूकोज़ चढ़ाया गया, बाकी को दवा देकर घर भेज दिया गया. अब तक किसी को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है.
कैसे खरीदें कुट्टू का आटा?
कुट्टू का आटा खरीदने से पहले यह देखें कि आटे में काले दाने जैसा कुछ है तो नहीं. पैकेट सील बंद है या नहीं. इसके अलावा, पैकेट पर प्रयोग की तिथि की जांच जरूर करें.
क्या होता है कुट्टू का आटा और कैसे बनता है?
कुट्टू को अंग्रेजी में Buckwheat के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसका किसी तरह के अनाज से कोई संबंध नहीं है क्योंकि गेंहू अनाज और घास प्रजाति का पौधा है. कुट्टू (Buckwheat) का लैटिन नामक फैगोपाइरम एस्क लूलेंट है और यह पोलीगोनेसिएइ परिवार का पौधा है.Buckwheat पौधे से एक फल प्राप्त होता है जो कि तिकोने आकार का होता है और इसे पीसकर आटा तैयार किया जाता है, जिसे Buckwheat यानी कुट्टू का आटा कहा जाता है.
कुट्टू के आटे को व्रत के आटे के नाम से भी जाना जाता है. Buckwheat पौधे से प्राप्त फल तिकोने आकार का होता है. जिसे पीसकर आटा तैयार किया जाता है, उसे Buckwheat यानी कुट्टू का आटा कहा जाता है. Buckwheat का पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होता है. इसमें गुच्छों में फूल और फल आते हैं.
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