पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई पीएमएफबीवाई के तहत, ऋणदाता किसानों को इस योजना के तहत बीमा कवर लेना अनिवार्य था लेकिन मोदी सरकार की तरफ से बुधवार को किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी देकर इसे किसानों के लिए स्वैच्छिक बना दिया. इस मंजूरी से किसानों को ये फायदा होगा कि वे अब खुद तय कर पाएंगे कि वह अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं या नहीं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में कई बदलावों को मंजूरी दी है. तोमर ने कहा कि बीमा योजना को अब किसानों के लिए वैकल्पिक बना दिया गया है.
PMFBY की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, कृषि मंत्री ने कहा कि बीमा कार्यक्रम में खेती के लिए 30 प्रतिशत योग्य क्षेत्र शामिल है. तोमर ने कहा कि बीमा में 60,000 करोड़ रुपये की निकासी की गई है और 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया गया है. इसके उन्होंने कहा कि फसल बीमा पॉलिसी लेने की आवश्यकता के बारे में किसानों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए हम एक अभियान भी शुरू करेंगे.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ऐसे प्राकृतिक जोखिमों से किसान की खेती को हुए नुकसान के लिए बीमा सहायता दी जाती है जिन्हें टाला नहीं जा सकता. इसमें फसल बुवाई से पहले और कटाई के बाद तक के लिए व्यापक फसल बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है. इसमें खरीफ फसलों के लिए दो प्रतिशत, रबी फसलों के बीमा संरक्षण के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी एवं वाणिज्यिक फसलों के लिए अत्यंत कम पांच प्रतिशत की दर से प्रीमियम रखा गया है.
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