Marburg Virus Cause and Symptoms: कोरोना वायरस के खतरे से पूरा विश्व जुझ ही रहा था कि मारबर्ग नामक वायरस कोरोना वायरस की अपेक्षा अधिक तबाही मचा रहा है. कोरोना वायरस से तो सभी परिचित थे, लेकिन मारबर्ग वायरस को कोरोना के रूप में आना लोगों पर भारी पड़ रहा है. क्योंकि इबोला वायरस (Ebola virus) की तहर मारबर्ग वायरस की भी वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है.
मारबर्ग वायरस भी कोरोना की तरह ही संक्रामक रोग है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. मारबर्ग वायरस चमगादड़ इत्यादि संक्रमित जानवरों से यह वायरस इंसानों में फैलता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले इंसानों से यह वायरस दूसरे इंसान में फैल सकता और उसे संक्रमित कर सकता है.
मारबर्ग वायरस के अभी तक सिर्फ दो मामले सामने आए हैं. यह दोनों मामले पश्चिमी अफ्रीकी के देश घाना में आए हैं. जिनकी पुष्टि घाना हेल्थ सर्विस की ओर से की गई थी.
मिली जानकारी के मुताबिक मारबर्ग वायरस इबोला की तरह एक डेडली वायरस है जिसकी दवाई या वैक्सीन अभी तक नहीं है. जिसके इसका इसकी चपेट में आने वाले लोगों से अधिक लोगों के प्रभावित होने का खतरा बना हुआ है. मारबर्ग वायरस से संक्रमित लोगों को भी तेज बुखार होता है और तेज सिर दर्द होता है.
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वायरस की चपेट में आने से इंसानों को शरीर के अंदरूनी या बाहरी हिस्सों में ब्लीडिंग शुरू हो सकती है.
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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, इस वायरस का फैटिलिटी रेट 24 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक है.
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इस वायरस का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, इस वायरस को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और दिख रहे लक्षणों के आधार पर इलाज लेना चाहिए, जिससे मरीज के सर्वाइवल को बढ़ा सकता है.
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मनुष्य से मनुष्य में यह वायरस बॉडी फ्लूड के जरिए फैलता है. जैसे, लार, ब्लड, यूरिन इत्यादि.
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यह वायरस संक्रमित फलों और मीट के जरिए भी इंसान के शरीर में फैल सकता है. इसलिए ऐसी जगहों पर जाने से लोगों को बचना चाहिए
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