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Post Budget Discussion 2022: कृषि जागरण के वेबिनार में जानें किसानों के लिए बजट कैसा रहा?

1 फरवरी को बजट की घोषणा की जा चुकी है, जिसके बाद कृषि जागरण ने पोस्ट बजट डिस्कशन वेबिनार आयोजित किया था. इस वेबिनार ने बहुत-सी हस्तियों ने भाग लिया और अपने अपने विचार व्यक्त किये. इसके साथ इन सभी ने किसानों और ग्रामीणों के डबल इनकम पर भी चर्चा की.

रुक्मणी चौरसिया
Krishi Jagran Webinar (Post Budget Discussion 2022)
Krishi Jagran Webinar (Post Budget Discussion 2022)

आगामी बजट को लेकर जहां लोगों की धड़कने बड़ी हुई थी, वहीं अब उन्हें राहत की सांस मिल रही है. जी हां, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (1 फरवरी) बजट की घोषणा कर दी है जिससे किसानों और ग्रामीणों के चेहरों पर ख़ुशी-सी खिल गयी है. इसी संदर्भ में कृषि जागरण द्वारा बजट 2022 को लेकर एक खास वेबिनार आयोजित किया गया है. इस वेबिनार में कई विशेषज्ञ शामिल हुए, जो बजट 2022 को लेकर अपने विचार व्यक्त करते नज़र आएं.

पोस्ट बजट 2022 वेबिनार की सुर्खियां (Post Budget 2022 Webinar Highlights)

बता दें कि कृषि जागरण के मंच पर स्पीकर्स ने सरकार द्वारा पेश बजट पर आम जनता और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की. इसी क्रम में आज हमारे साथ उपस्थित थे पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रगतिशील किसान सुल्तान सिंह जिन्होंने शुरुआती वेबिनार में चार चांद लगा दिए.

सुल्तान सिंह ने कृषि जागरण के पोस्ट बजट 2022 वेबिनार कहा कि "नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के मशीनीकरण पर जो ज़ोर दिया है वो कृषि क्षेत्र के लिए बहुत ही बढ़िया कदम है. इसके अलावा किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रेरित करने के साथ पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मैं इस सरकार का तहे दिल से शुक्रिया करता हूं".

बता दें कि सुल्तान सिंह ने अपना नाम मत्स्य पालन (Fish Farming) कर रोशन किया है और उन्होंने इस वेबिनार में सरकार द्वारा चालू मत्स्य संपदा योजना पर भी बात की और इसके फायदे व्यक्त किये.

इसके बाद आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ विजय सरदाना ने बजट 2022 के मुख्य बिंदु पर ज़ोर डाला, जिसमें "सरकार ने इस बजट के दौरान गेहूं और धान की खरीद के लिए 163 लाख किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान की बात कही. इसके साथ पीपीपी मोड (PPP Mode) में शुरू की जाने वाली किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं Digital and hi-tech services to farmers) के वितरण के लिए योजना के साथ कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए वित्त स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंड (Fund to start finance startups), 'किसान ड्रोन' (Drone) के इस्तेमाल को बढ़ावा, रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती (Organic Farming) को पूरे देश में बढ़ावा और तिलहन का घरेलू उत्पादन (Domestic production of oilseeds) बढ़ाने के लिए व्यापक योजना शामिल हैं".

इसके बाद डॉ. आर सी श्रीवास्तव (VC-RPCAU) ने वेबिनार में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि "बजट 2022 में बाजरे के उत्पादों के मूल्यवर्धन और ब्रांडिंग (Value addition and branding of millet products) पर विशेष ध्यान देते हुए जो कदम उठाया गया है वो काफी सराहनीय है. इससे ना केवल सिर्फ किसानों को फायदा मिलेगा बल्की इससे उन्हें अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में कदम रखने में भी मदद मिल सकेगी."

डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय. डॉ. समर सिंह, कुलपति, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय. प्रोफेसर साकेत कुशवाहा, कृषि अर्थशास्त्री, कुलपति, राजीव गांधी विश्वविद्यालय. डॉ. बी दयाकर राव, कृषि अर्थशास्त्री, प्रधान वैज्ञानिक. डॉ. सिमरित कौर, प्राचार्य, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स. श्री अरविंद कपूर, प्रबंध निदेशक, एक्सन हाइवेग पी लिमिटेड. श्री राजू कपूर, निदेशक- कॉर्पोरेट मामले, एफएमसी निगम. श्री एस पी शर्मा, मुख्य अर्थशास्त्री, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री. श्री कल्याण गोस्वामी, महानिदेशक, एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया. डॉ.आर.के त्रिवेदी, कार्यकारी निदेशक, नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया. श्री रजत धर, निदेशक, भारतीय निवेशक संघ. श्री सी एस सी शेखर, प्रोफेसर, आर्थिक विकास संस्थान. श्री शुभम जी डूंगरवाल, संस्थापक, जीफ्रेश एग्रोटेक. श्री नारायण लाल गुजर, संस्थापक, ईएफ पॉलिमर प्राइवेट लिमिटेड के साथ अन्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि "बजट फसल मूल्यांकन को बढ़ावा देने, भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने, उर्वरकों और कीटनाशकों जैसे कृषि पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन (Drone Use in Agriculture) को बढ़ावा देना सरकार की बहुत ही बढ़िया पहल है. जिससे छोटे और सीमांत किसानों की उपज बढ़ाने को प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा यह भारतीय कृषि के प्रति वैज्ञानिक सोच भी लाएगा."

इसके अलावा इस पुरे वेबिनार में ओवरऑल सभी का कहना है कि "पहले चरण में गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर के गलियारे पर विशेष ध्यान देने के साथ देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने के फैसले से किसानों को मदद मिलेगी. भारत में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देना भारतीयों के लिए स्वस्थ उपज सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम है. इसके अतिरिक्त यह भारतीय किसान के इनपुट खर्च को कम करेगा, मिट्टी के स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रकृति की देखभाल करें". 

इन वेबिनार में कई तरह की चर्चा की गयी जो हमने आपको इस लेख के माध्यम से बताया है, यदि आप पूरा वेबिनार देखना चाहते हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर इस चर्चा को विस्तार से देख सकते हैं.

English Summary: Know what happened in the webinar 'Post Budget Discussion' organized by Krishi Jagran Published on: 01 February 2022, 05:34 PM IST

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