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Kisan Diwas 2022: देशभर में मनाया जा रहा राष्ट्रीय किसान दिवस, जानें इतिहास और महत्व

किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) भारत में हर साल 23 दिसंबर को किसानों को सम्मानित करने और भारत में उनकी सभी सेवाओं के लिए धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है.

अनामिका प्रीतम

National farmers day 2022: भारत दुनिया भर में एक कृषि महाशक्ति के रूप में जाना जाता है और यह निश्चित रूप से हमारे किसानों के बिना संभव नहीं है. किसान जिन्हें हम अन्नदत्त भी कहते हैं. देश के किसान ही हैं जो दिन-रात काम करके हमें हमारा रोज का खाना मुहैया कराते हैं. आज का दिन इन्हीं अन्नदत्ताओं को समर्पित है. जी हां, आज यानी 23 दिसंबर को पूरे भारत में किसान दिवस (National farmers day) मनाया जाता है.

राष्ट्रीय किसान दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य?

हमारे किसानों को सम्मानित करने और उनकी सभी सेवाओं के लिए धन्यवाद देने के लिए हर साल 23 दिसंबर को भारत में किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) मनाया जाता है.

जैसा की साल 1965 में, जब भारत पर पाकिस्तान ने हमला किया था और खाद्यान्न की भारी कमी थी, तब हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान जय किसान" का नारा दिया था, जिसका उद्देश्य हमारे सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाना था.

उस वक्त भी किसान हमें भोजन उपलब्ध कराते थे और आज भी हमें अनाज उन्हीं के कामों से मिलता हैं. जब भी देश की जीडीपी नीचे होती है, तो किसान ही संतुलन बनाए रखते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी को नुकसान न हो. इससे पता चलता है कि हम अपने किसानों के कितने कर्जदार हैं और हमें उन्हें कितना संजोना चाहिए.

23 दिसंबर को ही किसान दिवस क्यों मनाया जाता है?

जैसा ही हमने बताया कि हर साल 23 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और देश के किसानों को सम्मानित करने के लिए चुना गया.

दरअसल, 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाने के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि इस दिन भारत के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन है, जो की प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ एक किसान नेता भी थे और भारतीय किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई कार्यक्रमों और योजनाओं को उन्होंने चलाया भी था. किसानों की प्रगती में उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई थी.

जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, चौधरी चरण सिंह ने भारतीय कृषि क्षेत्र में विभिन्न किसान बिलों को तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आदर्श वाक्य को उन्होंने अपनाया था.

ये भी पढ़ें: किसान दिवस पर कृषि जागरण का खास प्रोग्राम, आरसीएफ के निदेशक ने किसानों को किया संबोधित

परिणामस्वरूप, उन्हें आज भी लोकप्रिय किसान नेता के रूप में जाना जाता है. यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सबसे प्रभावशाली क्षेत्र होने के बावजूद जो लोगों की भोजन की बुनियादी आवश्यकता को कम करता है, केवल कुछ ही लोग किसानों के सामने आने वाले मुद्दों के बारे में जानते हैं. लोगों के पास अन्नदत्तों के संबंध में आवश्यक जानकारी का अभाव है.

इसलिए किसान दिवस उत्सव लोगों को इन मुद्दों के बारे में शिक्षित करने के साथ-साथ किसानों को कृषि व्यवसाय के बारे में नए तथ्यों को जानने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित करता है. आज देशभर में अलग-अलग कार्यक्रमों के तहत किसानों को सम्मानित और लोगों को किसानों के महत्ता के बारे में जागरूक किया जा रहा है.  

कृषि जागरण एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आपको किसानों से जुड़े पुराने और नए हर तरीके के मुद्दे, सरकारी योजनाएं, उनकी समस्याएं और उन समस्याओं का समाधान सब मिल जायेगा. कृषि जागरण बीते 26 सालों से देश के किसानों के लिए काम करता आया हैं और आगे भी ये जारी रहेगा.

English Summary: Kisan Diwas 2022: National Farmer's Day is being celebrated across the country, know the history and importance Published on: 23 December 2022, 12:01 PM IST

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