Kisan Call Center: भारत की 50 से 60 प्रतिशत की आबादी कृषि पर निर्भर है. किसानों को अपनी खेती-किसानी करने के लिए अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. किसानों की इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकारें कई योजनाएं शुरू करती हैं. लेकिन जागरुकता के अभाव में किसान सरकार की इन योजनाएं का लाभ नहीं ले पाता है. इसी कड़ी में केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण विभाग ने 2004 में किसानों के लिए किसान कॉल सेंटर हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की थी.
किसानों को कभी प्राकृतिक आपदों से तो कभी फसलों में कीट रोग लगने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है. जिसकी भरपाई के लिए सरकारों की ओर से मुआवजा और राहत योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन सरकारों की ओर से मिलने वाली योजनाओं की जानकारी किसानों को नहीं मिल पाती हैं, लेकिन अब किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके जानकारी ले सकते हैं. खास बात यह है कि सरकार की ओर से यह सुविधा 22 भाषाओं में शुरू की गई है. जहां किसान अपनी भाषा का चयन कर जानकारी हासिल कर सकते हैं.
देश के 13 हिस्सों में चल रहे किसान कॉल सेंटर: किसान कॉल सेंटर हेल्पलाइन नंबर पर खेती, बागवानी, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मत्स्य पालन और कृषि से जुड़ी समस्याएं, मौसम संबधी जानकारी और सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी किसानों को दी जाती है. जानकारी के मुताबिक किसान कॉल सेंटर भारत के करीब 13 अलग अलग हिस्सों में चलाए जा रहे हैं. मुम्बई, कानपुर, कोच्चि, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, चंड़ीगढ़, जयपुर, इंदौर, कोलकाता, दिल्ली, अहमदाबाद में किसान कॉल सेंटर चल रहे हैं.
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कृषि विशेषज्ञ सुनेंगे किसानों की समस्या: किसान घर बैठे ही किसान हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करके कृषि एंजेट को अपनी सारी समस्याओं को बता सकते हैं और जिसके बाद एंजेट किसान की सहायता करते हैं. साथ ही कृषि कॉल सेंटर में कृषि विशेषज्ञ भी मौजूद रहते हैं, जो किसानों की गंभीर समस्याओं पर उन्हें सलाह देते हैं. किसान भाई किसान हेल्पलाइन नंबर पर हर रोज सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक कॉल कर सकते हैं.
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