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Poultry Farming: अब इस राज्य में नहीं होगी अंडों की कमी, मुर्गी पालकों को मिलेगी सरकार से सब्सिडी

Egg production subsidy: झारखंड सरकार अंडा उत्पादन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएं शुरू कर रही है. सब्सिडी आधारित योजना से पोल्ट्री उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जबकि 12 जिलों में प्राकृतिक खेती क्लस्टर बनाकर जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा.

मोहित नागर
Egg production subsidy
राज्य सरकार पोल्ट्री फार्मिंग के लिए देगी सब्सिडी और प्रशिक्षण (Pic Credit - Shutter stock)

Jharkhand subsidy scheme 2025: झारखंड सरकार राज्य के किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई और बड़ी पहल करने जा रही है. राज्य में अंडा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी आधारित योजना तैयार की जा रही है. इसके अलावा, केंद्र सरकार की मदद से राज्य के 12 जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य योजना बनाई गई है. इन दोनों योजनाओं का मकसद है – स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देना, किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाना, और कृषि को टिकाऊ बनाना.

अंडा उत्पादन के लिए सब्सिडी आधारित योजना का ऐलान

राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने हाल ही में विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को अंडा उत्पादन बढ़ाने को लेकर विशेष निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में अंडा उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं और सरकार इस क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना तैयार करेगी. राज्य के हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय में मंगलवार को हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य में अंडा की मांग के अनुसार उत्पादन सुनिश्चित करना है. इसके लिए जो भी व्यक्ति अंडा उत्पादन में जुड़ना चाहता है, उसे सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी.

उद्यमियों को मिलेगा आर्थिक सहयोग

इस योजना के तहत छोटे और मध्यम स्तर के अंडा उत्पादकों को सब्सिडी दी जाएगी ताकि वे पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत कर सकें या अपने मौजूदा कारोबार का विस्तार कर सकें. इससे स्थानीय बाजार में अंडा की आपूर्ति बढ़ेगी और राज्य की आत्मनिर्भरता भी सुनिश्चित होगी. मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि राज्य भर में कार्यरत जनसेवकों को जल्द से जल्द प्रशिक्षित किया जाए. इसके लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जनसेवकों को अलग-अलग समूहों में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

12 जिलों में शुरू होगी प्राकृतिक खेती

केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (National Mission on Natural Farming - NMNF) के तहत झारखंड के 12 जिलों को चुना गया है, जहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. चुने गए जिले हैं:

  1. रांची
  2. पलामू
  3. देवघर
  4. दुमका
  5. गिरिडीह
  6. साहिबगंज
  7. हजारीबाग
  8. लोहरदगा
  9. गुमला
  10. गढ़वा
  11. पूर्वी सिंहभूम
  12. पश्चिम सिंहभूम

इन जिलों में कुल 88 प्राकृतिक खेती क्लस्टर बनाए जाएंगे, जहां जैविक और प्राकृतिक तरीके से खेती की जाएगी. सरकार की योजना है कि किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता से मुक्त किया जाए और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा दिया जाए.

क्यों किया गया इन जिलों का चयन?

इन 12 जिलों का चयन कुछ महत्वपूर्ण मानकों के आधार पर किया गया है. इसमें शामिल हैं:

  • नदी बेसिन के नजदीक होना – ताकि सिंचाई की सुविधा बेहतर हो.
  • आदिवासी आबादी की अधिकता – ताकि पारंपरिक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल सके.
  • जैविक खेती की पिछली पहलें – जहां पहले से जागरूकता और प्रयास हो चुके हैं.
  • रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक या न्यूनतम प्रयोग – ताकि संतुलन स्थापित किया जा सके.

सरकार की पहल से क्या होगा फायदा?

  • राज्य में अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
  • स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार मिलेगा.
  • प्राकृतिक खेती से मिट्टी की सेहत सुधरेगी और पर्यावरण संरक्षण होगा.
  • किसानों की लागत घटेगी और आमदनी बढ़ेगी.
  • स्वस्थ और जैविक उत्पाद बाजार में उपलब्ध होंगे.
English Summary: jharkhand government subsidy scheme for egg production and natural farming Published on: 15 May 2025, 12:10 PM IST

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