केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए तीन कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ किसानों की लड़ाई जारी है. पिछले 28 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच आज पूरा देश ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ (National Farmers Day) मना रहा है. इस अवसर झारखंड़ के कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख (Minister of Agriculture, Animal Husbandry and Cooperation of Jharkhand Badal Patralekh) ने अन्नदाताओं को राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) की बधाई दी है.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने दी बधाई
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख(Agriculture Minister Badal Patil) ने ट्विटर लिखा है कि हरा-भरा खेत खलिहान, कृषक हमेशा हमारी शान. मेरे सभी किसान भाइयों/अन्नदाताओं को किसान दिवस के अवसर पर बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं.
हरा-भरा खेत खलिहान,
— Badal (बादल) (@Badal_Patralekh) December 23, 2020
कृषक हमेशा हमारी शान।
मेरे सभी किसान भाइयों / अन्नदाताओं को किसान दिवस के अवसर पर बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।#KisanDiwas @INCIndia @INCJharkhand @RahulGandhi @SinghRPN @kcvenugopalmp @DrRameshwarOra1 pic.twitter.com/Y6OljjygyU
आपको बता दें कि झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patil) समय-समय पर किसानों के हित में हर संभव प्रयास करते रहते हैं. झारखंड सरकार की तरफ से किसानों के लिए कई योजनाएं भी संचालित की गई हैं. इस योजनाएं की मदद से किसान काफी आसानी से खेतीबाड़ी कर पाते हैं. जैसा कि सभी जानते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में नए तीन कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे हैं. ऐसे में झारखंड की सरकार ने भी किसानों का समर्थन किया है. झारखंड सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए 125 करोड़ लोगों को नर्क में धकेलना उचित नहीं है.
राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) के अवसर पर भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि आज हम एक वक्त का खाना नहीं खाएंगे. इसके साथ ही किसान संगठनों ने लोगों से अपील की है कि वह भी आज दोपहर का भोजन न पकाएं. बता दें कि हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. इस दिन को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जयंती के रूप में मनाया जाता है.
देश के किसानों की स्थिति को सुधारने मेंचौधरी चरण सिंह का बहुत योगदान रहा है. वह एक ऐसे किसान नेता थे, जिन्होंने देश की संसद में किसानों के लिए आवाज बुलंद की. यही कारण है कि सरकार ने साल 2001 में उनके जन्मदिवस को ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया था.
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