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ये गांव बना प्रदेश का पहला Milk Village, डेयरी किसानों को होंगे कई फायदे

देश में पशुपालन (Animal Husbandry) का व्यवसाय व्यापक रूप में किया जाता है, क्योंकि यह ऐसा व्यवसाय है, जिसमें लागत से ज्यादा मुनाफा प्राप्त होता है. सरकार भी इस व्यवसाय को बढाने के लिए कई तरह की योजना को संचालित करती है. पशुपालन व्यवसाय में डेयरी फार्म पशुपालकों के लिए काफी किफायती साबित हो रहा है.

स्वाति राव
Milk Villege
Milk Villege

देश में पशुपालन (Animal Husbandry) का व्यवसाय व्यापक रूप में किया जाता है, क्योंकि यह ऐसा व्यवसाय है, जिसमें लागत से ज्यादा मुनाफा प्राप्त होता है. सरकार भी इस व्यवसाय को बढाने के लिए कई तरह की योजना को संचालित करती है. पशुपालन व्यवसाय में डेयरी फार्म पशुपालकों के लिए काफी किफायती साबित हो रहा है.

इसी कड़ी में सरकार द्वारा चलायी गयी एकीकृत योजना के तहत जम्मू में 57 डेयरी फार्मों को मंजूरी मिली है. जिसमें जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में जेरी बस्ती को केंद्र शासित प्रदेश का पहला 'दूध गांव' घोषित किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार, यहाँ 370 गायों के साथ 73 व्यक्तिगत डेयरी इकाइयां हैं, जो कि स्थानीय किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा. डेयरी फार्मों का एक समूह बनाने का बीड़ा उठाते हुए, बस्ती की महिलाओं ने डेयरी फार्मों और घरों से दूध इकट्ठा करने के लिए दूध बेचने वाले संयंत्रों या अन्य प्रतिष्ठानों में आगे परिवहन के लिए 11 महिलाओं की एक सहकारी समिति बनाई है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'दुग्ध गांव' घोषित होने के बाद, गांव के लिए आईडीडीएस के तहत कुल 57 इकाइयां स्वीकृत की गई हैं.

योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है (50 Percent Subsidy Is Given Under The Scheme)

एकीकृत डेयरी विकास योजना के तहत पांच पशुओं की डेयरी इकाइयों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. इस योजना में दूध देने की मशीन, थोक दूध शीतलन इकाई, पनीर बनाने की मशीन, खोया बनाने, दही बनाने, क्रीम विभाजक, आइसक्रीम बनाने की मशीन, मक्खन और घी बनाने की मशीन आदि पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी (अधिकतम 5 लाख रुपये) दी जाती है.

इसे पढ़ें - Dairy Farm Business: सरकारी मदद से शुरू करें डेयरी फार्म, हर महीने होगी हजारों की कमाई

कृषि अधिकारी द्वारा मिली जानकारी (Information Received By Agriculture Officer)

  • जिला विकास आयुक्त (डीडीसी) रियासी चरणदीप सिंह द्वारा मिली जानकारी में बताया गया कि किसानों की अच्छी कमाई के लिए ऐसी और इकाइयाँ खोलने के लिए तैयारियां की जा रही हैं, क्योंकि इससे बेरोजगारी की समस्या भी हल हो जाएगी.

  • गांव ने डेयरी फार्मों और घरों से दूध इकट्ठा करने के लिए दूध बेचने वाले संयंत्रों या अन्य प्रतिष्ठानों में आगे परिवहन के लिए 11 महिलाओं की एक सहकारी समिति का गठन किया.

  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "गांव में इस तरह की और सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी, ताकि सहकारी समितियों द्वारा दूध का संग्रह सुनिश्चित किया जा सके और दूध बेचने वाले प्रतिष्ठानों को आगे ले जाया जा सके, जिससे आपूर्ति श्रृंखला पूरी हो सके."

  • कृषि एवं पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव नवीन चौधरी ने दूध गांव के शुभारंभ की सराहना करते हुए इसे स्थानीय लोगों द्वारा एक बड़ा आर्थिक सुधार बताया.

  • चौधरी ने कहा कि दुग्ध गांव की स्थापना और इसकी अंतिम सफलता कई अन्य लोगों को अपने व्यापक हित में इसी तरह की इकाइयां शुरू करने के लिए आकर्षित करेगी.

English Summary: jerry declared first 'milk village' in J&K Published on: 21 January 2022, 05:03 PM IST

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