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अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM) 2023 की हुई शुरुआत, सरकार ने तैयार किया प्लान

कृषि और किसान कल्याण विभाग का उद्देश्य बड़े पैमाने पर बाजरे की खेती व इसकी खपत को बढ़ावा देना है और आईवाईएम के माध्यम से इसे पूरे विश्व के सामने लाना है. इसके लिए सरकार ने बेहतरीन प्लान तैयार किया है. इस खबर में जानें पूरी जानकारी.

लोकेश निरवाल
अब भारतीय बाजरे को मिलेगी पहचान
अब भारतीय बाजरे को मिलेगी पहचान

बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (IYM) 2023 पहल को लेकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईएम)- 2023 के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने स्वीकार कर लिया है.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार के दिन संबंधित अधिकारियों के साथ भारत को 'बाजरा के लिए वैश्विक केंद्र' के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ आईवाईएम- 2023 को 'जन आंदोलन' बनाने के लिए भी प्लान तैयार किया है.

बाजरे पर एक नजर

बाजरा भारत में पैदा की जाने वाली प्राचीन फसलों में से एक है. आकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 130 से अधिक देशों में बाजरा का उत्पादन किया जाता है. बाजरा भारत में बड़े पैमाने पर खरीफ की फसल है और बाजरा आजीविका उत्पन्न करने, किसानों की आय बढ़ाने और पूरे विश्व में खाद्य व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में बेहद महत्वपूर्ण फसल है.

दुनिया भर में भारतीय बाजरे को मिलेगी पहचान

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 6 दिसंबर 2022 को इटली के रोम में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया था. इस श्रृंखला में 'अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईएम) 2023' के पूरे साल चलने वाले उत्सव से पहले कृषि और किसान कल्याण विभाग ने संसद भवन में सांसदों के लिए एक विशेष 'बाजरा मंच' का आयोजन किया. ताकि इसके महत्व को समझा जा सके.

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, IYM 2023 के लक्ष्य को प्राप्त करने और दुनिया भर में भारतीय बाजरा को फैलाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने एक सक्रिय बहु-हितधारक जुड़ाव दृष्टिकोण अपनाया है इसके लिए इसमें केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश, किसान, स्टार्ट-अप्स, निर्यातक, खुदरा व्यवसाय, होटल और भारतीय दूतावासों आदि को शामिल किया गया है.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि मंत्रालयों, राज्यों और भारतीय दूतावासों को 2023 में विभिन्न प्रकार की आईवाईएम से संबंधित गतिविधियों का संचालन करने और उपभोक्ताओं, किसानों और पर्यावरण के लिए बाजरा के लाभों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, एफएसएसएआई और अन्य मंत्रालयों में जनवरी महीने यानी इसी माह के लिए कार्यक्रम निर्धारित हैं, जिसमें आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बाजरा मेला-सह-प्रदर्शनी और पंजाब, केरल और तमिलनाडु में ईट राइट मेले शामिल हैं.

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राज्यों के संबंध में, आईवाईएम के संवेदीकरण और प्रचार के लिए विशेष गतिविधियों को करने के लिए छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान को जनवरी का महीना आवंटित किया गया है. इस दौरान राज्य बाजरा-केंद्रित गतिविधियों का आयोजन करेंगे. जिनमें महोत्सव, मेला और खाद्य उत्सव, किसान प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान, कार्यशालाएं और सेमिनार, राज्य के आसपास रणनीतिक क्षेत्रों में होर्डिंग लगाना, प्रचार सामग्री आदि को शामिल किया गया है. इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब राज्य इन कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहे हैं. 

English Summary: International Millet Year (IYM) 2023 begins, government prepares plan Published on: 02 January 2023, 12:54 PM IST

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