1. Home
  2. ख़बरें

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ने विकसित की टमाटर की दो संकर किस्मे, जानिए इसके फायदे

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (IIHR), बेंगलुरु ने टमाटर की 2 हाइब्रिड किस्में विकसित की हैं. विशेष रूप से प्रसंस्करण उद्योग के लिए ये हाइब्रिड टमाटर, अर्का एपेक्शा और अर्का व्यंजन रोग प्रतिरोधी हैं. IIHR में शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व करने वाले ए.टी सदाशिव के मुताबिक , ‘यह पहली बार है कि प्रसंस्करण उद्योग के लिए टमाटर की हाइब्रिड किस्म विकसित की गई है.’

मनीशा शर्मा
icar

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (IIHR), बेंगलुरु ने टमाटर की 2 हाइब्रिड किस्में विकसित की हैं. विशेष रूप से प्रसंस्करण उद्योग के लिए ये हाइब्रिड  टमाटर, अर्का एपेक्शा और अर्का व्यंजन  रोग प्रतिरोधी हैं. IIHR में शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व करने वाले ए.टी सदाशिव के मुताबिक , ‘यह पहली बार है कि प्रसंस्करण उद्योग के लिए टमाटर की हाइब्रिड किस्म विकसित की गई है.’

tomato

उच्च उपज क्षमता


सदाशिव के मुताबिक, इस किस्म से 50 टन प्रति हेक्टेयर पैदावार ली जा सकती है. अगर ड्रिप सिंचाई विधि से इसकी सिंचाई की जाती है तो इससे 100 टन प्रति हेक्टेयर तक फसल मिलने की संभावना है. मौजूदा हाइब्रिड  टमाटर 40 टन प्रति हेक्टेयर की न्यूनतम उपज देते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ‘अधिक पैदावार से उत्पादकों को खेती की लागत कम होगी. इसके अलावा  नई हाइब्रिड टमाटर, पत्ती के कर्ल वायरस, बैक्टीरियल विल्ट और अर्ली ब्लाइट जैसी बीमारियों के लिए प्रतिरोधी हैं जो किसानों को फसल पर स्प्रे करने की संख्या को कम करने में मदद करती हैं.’ इसके अलावा, नए टमाटर हाइब्रिड में कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (टीएसएस) 10 प्रतिशत अधिक है. लाइकोपीन सामग्री और  वर्णक, जो टमाटर को रंग देती है.  जो मौजूदा हाइब्रिड से लगभग 25 से 30 प्रतिशत अधिक है. सदाशिव के मुताबिक, "उद्योग उच्च टीएसएस को प्राथमिकता देता है क्योंकि यह उनकी ऊर्जा खपत को कम करता है.

नई हाइब्रिड किस्म के अन्य लाभ

IIHR के पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख एचएस ओबेरॉय के मुताबिक, मौजूदा लाइनों से विकसित ये नई किस्में मैकेनाइज्ड कटाई के लिए भी उपयुक्त हैं. उन्होंने कहा, "हम दिसंबर 2019 तक वाणिज्यिक खेती के लिए टमाटर की नई हाइब्रिड किस्म को जारी करने की उम्मीद कर रहे हैं." बता दे कि सहयाद्री एफजीसी जैसी कंपनियों ने पहले ही परीक्षण के आधार पर नए हाइब्रिड ईजाद किए है.

गौरतलब है कि भारत में टमाटर उत्पादन 2018-19 में 19.39 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले सीजन में उत्पादित 19.759 मिलियन टन से थोड़ा कम है. देश में उत्पादित 90 प्रतिशत से अधिक टमाटर ताजे होते हैं. टमाटर प्रोसेसर आमतौर पर जनवरी से मार्च के पीक सीजन के दौरान सब्जियों की खरीद कर उत्पाद बनाते हैं, जब दरें कम होती हैं. प्रसंस्कृत टमाटर जिसे पेस्ट के रूप में परिवर्तित कर स्टोर किया जाता है, फिर उससे सॉस और केचप जैसे उत्पादों को बनाया जाता है. 1 किलो टमाटर के पेस्ट का बनाने के लिए लगभग 7 किलोग्राम टमाटर की जरूरत पड़ती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को लगभग 1.2 लाख टन टमाटर के पेस्ट की आवश्यकता है, जिसका 70,000 टन स्थानीय स्तर पर निर्मित होता है और शेष चीन से आयात किया जाता है.

English Summary: Indian Institute of Horticultural Research introduced two tomato Hybrids Published on: 28 September 2019, 02:39 PM IST

Like this article?

Hey! I am मनीशा शर्मा. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News