 
            भारत ने जी 20 मीटिंग में कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए थ्री एस की रणनीति को अपनाने की बात की है. इसका मतलब स्मार्ट, सस्टेनेबल और सर्व है. इससे दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी. G20 कृषि प्रतिनिधियों की बैठक के मौके पर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बात की और कहा कि कृषि हमेशा भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और अब यह पूरी दुनिया के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है.
सिंधिया ने कहा, हमें लगता है कि अगर हम विश्व खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना चाहते हैं तो हमें कृषि के लिए इस रणनीति को अपनाने की जरूरत है. थ्री एस रणनीति स्मार्ट और टिकाऊ खेती है. सिंधिया ने स्मार्ट कृषि के हिस्से के रूप में फसल की पैदावार में सुधार के लिए ड्रोन और अन्य नई तकनीकों का उपयोग करने पर बहुत जोर दिया. उन्होंने कहा कि कृषि के टिकाऊ होने के लिए, किसानों को अधिक उपज प्राप्त करने और बेहतर आदानों का उपयोग करने के साथ-साथ नई तकनीकों और विपणन पर ध्यान केंद्रित करने पर काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, भारत का खाद्यान्न उत्पादन 265 मिलियन टन से बढ़कर 315 मिलियन टन हो गया है. पिछले आठ वर्षों में, कृषि क्षेत्र के लिए बजट साढ़े चार गुना बढ़कर 10.5 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 86,700 करोड़ रुपये) हो गया है.
नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री सिंधिया ने यह भी कहा कि उनके गृह राज्य मध्य प्रदेश ने खेती में बहुत प्रगति की है और सोया और लहसुन का एक प्रमुख उत्पादक है. पिछले 18 वर्षों में, राज्य का खाद्यान्न उत्पादन 165 लाख टन से बढ़कर 629 लाख टन हो गया, जो लगभग चार गुना अधिक है.
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प्रदेश में सिंचाई 50 फीसदी बेहतर हुई है. यह एक आधुनिक तकनीकी के अपनाने के कारण हो रहा है और सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की बातचीत और भागीदारी से इस और भी आधुनिक बनाया जा सकता है.
 
                 
                     
                     
                     
                     
                                                 
                                                 
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
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