आईसीएआर ने आज भारतीय कृषि के विकास और किसानों के कल्याण के लिए आईसीएआर की पहलों के प्रसार और प्रचार के लिए देश की प्रमुख एग्री मीडिया हाउस कृषि जागरण के साथ एक एमओयू यानी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. जोकि कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस समझौता ज्ञापन पर डॉ. यू.एस. गौतम, डीडीजी (कृषि विस्तार), आईसीएआर और एम.सी. डोमिनिक, संस्थापक और प्रधान संपादक, कृषि जागरण ने हस्ताक्षर किए. इस दौरान, डॉ. अनिल एडीजी टीसी, आईसीएआर, डॉ. आर आर बर्मन, सहायक महानिदेशक, (कृषि विस्तार), आईसीएआर, शाइनी डोमिनिक, प्रबंध निदेशक, कृषि जागरण, ममता जैन, ग्रुप एडिटर, कृषि जागरण, डॉ. पी.के. पंत, सीओओ, कृषि जागरण और पी.एस. सैनी, सीनियर वीपी-कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन एंड पीआर, कृषि जागरण समेत कई अन्य आईसीएआर और कृषि जागरण गणमान्य उपस्थित थे.
The ICAR signed an MoU with Krishi Jagran for the dissemination & promotion of ICAR’s initiatives for the growth of Indian Agriculture & farmers' welfare today.
— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) March 19, 2024
Dr. U. S Gautam, DDG (Agri. Extn.), #ICAR, & Mr MC Dominic, Founder & Editor-In-Chief, Krishi Jagran signed the MoU . pic.twitter.com/H3AuCoObYh
इस दौरान, डीडीजी ने किसानों को कृषि से संबंधित उन्नत वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों के बारे में शिक्षित करने पर जोर दिया, जिससे उन्हें अपनी आजीविका में सुधार करने और अधिक मुनाफा कमाने में मदद मिलेगी. यह समझौता ज्ञापन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आईसीएआर की सफलता की कहानियों के वीडियो प्रोडक्शन में मदद करेगा, और देशभर में आईसीएआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की सफलता की कहानियों को बढ़ावा देगा. इसके अलावा, यह आईसीएआर की पहल को कृषि जागरण पत्रिका में वरिष्ठ अधिकारियों के वीडियो बाइट्स और राइटअप तैयार करने में भी मदद करेगा.
कृषि जागरण क्या है?
कृषि जागरण, देश की प्रमुख एग्री मीडिया हाउस है. इसकी स्थापना 5 सितंबर 1996 को नई दिल्ली में प्रधान संपादक एम.सी डोमिनिक द्वारा की गई थी.
वही, प्रिंट और डिजिटल, दोनों माध्यम से देश के करोड़ों किसानों तक इसकी पहुंच है. 12 भाषाओं में डिजिटल पोर्टल और यूट्यूब चैनल भी हैं. इसके अलावा, कृषि जागरण की 12 भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं- हिंदी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, बंगाली, असमिया, उड़िया, तमिल, मलयालम और अंग्रेजी में पत्रिका है जोकि विशेष रूप से कृषि के लिए समर्पित पत्रिका हैं. अंग्रेजी में कृषि जागरण के पत्रिका को ‘एग्रीकल्चर वर्ल्ड’ के नाम से प्रकाशित किया जाता है.
आईसीएआर क्या है?
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डेयर) के तहत एक स्वायत्त संगठन है. पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के रूप में जाना जाता था, जिसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को कृषि पर रॉयल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसरण में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी. भाकृअनुप का मुख्यालय नई दिल्ली में है. परिषद पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान एवं शिक्षा का समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए एक शीर्ष निकाय है. देश भर में फैले 113 भाकृअनुप संस्थानों और 74 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी राष्ट्रीय कृषि प्रणालियों में से एक है.
भाकृअनुप ने अपने अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से भारत में हरित क्रांति और उसके बाद कृषि में विकास लाने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसने 1950-51 से 2021-22 तक देश को खाद्यान्न उत्पादन में 6.21 गुना, बागवानी फसलों में 11.53 गुना, मछली में 21.61 गुना, दूध में 13.01 गुना और अंडे में 70.74 गुना वृद्धि करने में सक्षम बनाया, जिसका परिणाम है कि राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा पर यह स्पष्ट प्रभाव दिखता है. इसने कृषि सम्बंधित उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है.
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