छत्तीसगढ़ में आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर है. यहां अधिकतर किसान खेती के लिए वर्षा पर निर्भर रहते हैं, इसलिए किसान कृषि लागत में वृद्धि की वजह से अधिक मुनाफा नहीं कमा पाते हैं.
राज्य के किसानों की इस परेशानी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) लागू की है. ये योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
हाल में राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) से जुड़ी एक बड़ी राहत दी है. दरअसल, राज्य सरकार ने योजना के दायरे में खरीफ सीजन की उद्यानिकी फसलों को भी शामिल कर लिया है. अब खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपए की सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) प्रदान की जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में खरीफ सीजन 2021-22 में धान, गन्ना, मक्का, अरहर, सोयाबीन, दलहन-तिलहन के उत्पादकों को इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान था. इसके बाद में कोदो, कुटकी और रागी को भी शामिल किया गया.
अब पिछले कुछ दिनों पहले राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें योजना का तहत उद्यानिकी फसलों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है. इसके जरिए उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा.
खरीफ सीजन की ये फसलें होंगी शामिल
विभाग की तरफ से जानकारी मिली है कि खरीफ मौसम में फलोत्पादन के तहत केला, पपीता, नाशपाती, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला एवं नींबू वर्गीय फसलें, सब्जियों की खेती के तहत आलू, टमाटर, भिंडी, बैगन, शकरकंद व कद्दू वर्गीय फसलें, साथ ही फूलों के अंतर्गत गुलाब व गेंदा, मसालों की खेती के तहत हल्दी, मिर्ची, अदरक के किसानों को प्रति एकड़ की मान से 9 हजार रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा काजू प्लांटेशन करने वाले किसानों को योजना का लाभ मिलेगा.
कितने हेक्टेयर में होती है खेती
सब्जी- राज्य में लगभग 4 लाख 98 हजार 271 हेक्टेयर में सब्जी की खेती होती है.
फल- लगभग 2 लाख 54 हजार 754 हेक्टेयर में फलों की खेती होती है.
फूल- इसके साथ ही लगभग 13 हजार 89 हेक्टेयर में फूल उगाए जाते हैं.
मसाले- राज्य में मसालों की खेती लगभग 67 हजार 765 हेक्टेयर में होती है.
औषधि व सुगंधित फसलें- इसके अलावा लगभग 3500 हेक्टेयर में औषधि और सुगंधित फसलों की खेती होती है.
खेती की अन्य जानकारी लेने के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर विजिट करें.
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