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किसानों की आय का तो पता नहीं, लेकिन उनके कर्ज जरूर बढ़ गए, ज़रा पढ़िए ये आंकड़े

यह क्या हो रहा है? क्यों हो रहा है? कैसे हो रहा है? यह तो पता नहीं, लेकिन जो भी हो रहा है, वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है, लिहाजा जरूरी है कि समय रहते इस पर विराम लगाने की दिशा में प्रयास किए जाए, अन्यथा आने वाले दिनों में गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं.

सचिन कुमार
Indian Farmer
Indian Farmer

यह क्या हो रहा है? क्यों हो रहा है? कैसे हो रहा है? यह तो पता नहीं, लेकिन जो भी हो रहा है, वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है, लिहाजा जरूरी है कि समय रहते इस पर विराम लगाने की दिशा में प्रयास किए जाए, अन्यथा आने वाले दिनों में गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं. फिलहाल तो इसके गंभीर परिणाम किसानों के कर्ज के रूप में सामने आ चुके हैं. बता दें कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि किसानों के कर्ज में वृद्धि की बात कही गई है. 

इस आंकड़े के मुताबिक, जहां एक तरफ किसानों की आय में महज 8 फीसद का इजाफा हुआ है, तो वहीं इसके विपरीत उनके कर्ज में 30  प्रतिशत का इजाफा हुआ है. अब ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर केंद्र सरकार आगामी 2022  तक कैसे किसानों की आय को दोगुना करने में कामयाब रहेगी. बहरहाल, इन आंकड़ों से तो एक बात तो साफ हो चुकी है कि अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा, तो किसानों की आय में वृद्धि के बारे में सोचना किसी सपने से कम नहीं है. 

यह महज एक सपना बन कर ही रह जाएगा, जिसका खामियाजा हमारी सरकार को आगामी चुनावी मौसम देखने को मिलेगी. आइए, अब आगे जानते हैं कि आखिर कमी कहां रह गई है? जब केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में पूरी कोशिश कर रही है, तो आखिर कमी कहां रह गई है कि सरकार इस दिशा में सफल नहीं हो पा रही है. आइए, विस्तार से जानते हैं.

सूचनाओं का अभाव

दरअसल, केंद्र सरकार किसानों की आय में इजाफा  करने हेतु तमाम तरह की योजनाएं संचालित कर रही है. जैसे, ‘किसान सम्मान निधि योजना’, किसान मानधन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना समेत कई योजनाएं किसानों के हित में चलाई जा रही है, लेकिन अफसोस सूचनाओं के अभाव में किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है और परिणामस्वरूप वे इसका लाभ प्राप्त नहीं कर पाते है.

ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि सरकार द्वारा संचालित की जा रही इन योजनाओं के बारे में हमारे किसानों को जानकारी प्राप्त हो, तो हम उन सभी बाधाओं को दूर करने की दिशा में काम करना होगा, जिनकी वजह से हमारे किसान भाइयों को सरकार द्वारा संचालित की जा रही इन योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है. आइए, अब आपको जरा तफसील से उन आंकड़ों के बारे में विस्तार से बताएं चलते हैं, जो किसानों की बदहाली को बयां करने के लिए काफी हैं.

एक नजर इन सरकारी आंकड़ों पर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के किसानों पर सबसे ज्यादा कर्जा है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन्हीं राज्यों के किसान सबसे ज्चादा अपने आपको आत्मनिर्भर व अधिक आय अर्जित करने वाले किसानों की  फेहरिस्त में शुमार करते हैं. अब ऐसे में सरकार द्वारा जारी किए गए ये आंकड़े किसानों के हित उपयोगी कदम उठाने पर बल देते हुए नजर आ रहे हैं. ये आंकड़े इस बात को बयां करने के लिए पर्याप्त हैं कि अभी सरकार को किसानों के हित में और कदम उठाने होंगे तभी जाकर किसानों की आय को दोगुनी हो पाएगी.

बहरहाल, वर्तमान में सरकार की कार्यशैली किसानों के जीवनस्तर को सुधारने में नाकाफी ही साबित हो रहे हैं. अब ऐसे में देखना यह होगा कि सरकार आने वाले दिनों में किसानों के हित में क्या कुछ कदम उठाने होंगे. वहीं, मीडिया से मुखातिब होते हुए कृषि सचिव ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में जिस तरह से किसानों के कर्ज को माफ किया गया है, यह भी किसानों के कर्ज को बढ़ाने में एक बड़ा कारण उभरकर सामने आया है. अब ऐसे में सरकार आगे चलकर इस दिशा में क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम

English Summary: Debts of farmer increase see the data Published on: 17 September 2021, 07:35 PM IST

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