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मुफ्त बीज और हरी खाद की हुई शानदार पहल, अब किसानों की खुलेगी तिज़ोरी

हरियाणा सरकार ने हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए एक नयी पहल की है. सरकार का कहना है कि जो कोई भी किसान इस पहल का लाभ लेना चाहता है उसे मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कराना होगा. तो आइये जानते हैं इस लेख में प्रदेश की क्या है पहल.

रुक्मणी चौरसिया
Free Seed Distribution Schemes of India
Free Seed Distribution Schemes of India

जैविक खेती (Organic Farming)  से लेकर खाद (Green Manure) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें अपना एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही हैं. इसी संदर्भ में एक ख़बर हरियाणा (Haryana) से भी आ रही है. जी हां, राज्य सरकार ने अपने प्रदेश में ग्रीन फ़र्टिलाइज़र (Green Fertilizer) को लेकर फ्री बीज वितरण (Free Seed Distribution) की घोषणा की है.

ढैंचा फसल के लिए मिलेंगे मुफ्त बीज (Free seeds will be available for Dhaincha Crop)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार ने यह फैसला किया है कि अब वो किसानों को ढैंचा के बीज (Dhaincha Seed) वितरित करेगी, ताकि हरी खाद का ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग किया जा सके. इसके लिए किसानों को प्रदेश द्वारा चलाया जा रहा पोर्टल मेरी फसल. मेरा ब्यौरा पर जाकर रजिस्टर करना होगा.

'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पर करवाना होगा रजिस्ट्रेशन (Registration will have to be done on Meri Fasal Mera Byora Portal)

किसानों को Dhaincha के फ्री बीज लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पर जरूरी दस्तावेज़ों के साथ पंजीकरण कर रसीद लेनी होगी. इसके बाद हरियाणा बीज विकास निगम से कोई भी किसान जाकर मुफ्त बीज लेने के लिए सक्षम होगा. बता दें कि इस अवसर को प्राप्त करने की आखिरी तारीख 25 मार्च 2022 है.

हरी खाद के लिए किन फसलों का किया जाता उपयोग (Which crops are used for green manure)

कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि हरियाणा सरकार Dhaincha फसल का ही मुफ्त बीज वितरण क्यों कर रही है, वो भी हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए. तो इसके लिए हम आपको बताते हैं कि 'हरी खाद' से उगाए जाने वाले पौधों को 'ग्रीन मेन्योर क्रॉप' (Green Manure Crops) के रूप में जाना जाता है. साथ ही सबसे महत्वपूर्ण हरी खाद की फसलें सनहेम्प, ढैंचा (Dhaincha), पिलिपेसरा, क्लस्टरबीन और सेसबानिया रोस्ट्रेटा हैं.

यह भी पढ़ें: Meri Fasal Mera Byora की बढ़ाई गयी रजिस्ट्रेशन डेट, किसानों को मिलेगी मदद और बढ़ेगी इनकम

ढैंचा फसल की ख़ासियत (Features of Dhaincha Crop)

Dhaincha को आमतौर पर हरी खाद की फसल के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसे मिट्टी में पर्याप्त नमी होने पर सभी मौसमों में उगाया जा सकता है. यह न केवल भौतिक गुणों में सुधार करता है बल्कि सफल फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करने में भी मदद करता है.

ढैंचा फसल की बुवाई का समय (Sowing time of Dhaincha crop)

Dhaincha के लिए बुवाई का इष्टतम समय अप्रैल-जुलाई है जबकि बीज के लिए बुवाई का इष्टतम समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक है.

तो जो भी इच्छुक लोग मुफ्त बीज वितरण (Dhaincha Free Seed) का लाभ उठाना चाहते हैं, वो 25 अप्रैल से पहले अपना रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora) पर जाकर कर लें.

English Summary: Haryana will promote Green Manure Crops by Free Seed Distribution Published on: 11 March 2022, 05:34 PM IST

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