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Dairy Sector में निवेश को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम, पशुपालक और किसानों को होगा फायदा

दुग्ध उत्पादक एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर भारत की एक बड़ी आबादी निर्भर है, इसलिए भारत को विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश भी माना जाता है. भारत का वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

कंचन मौर्य
Agriculture News
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दुग्ध उत्पादक एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर भारत की एक बड़ी आबादी निर्भर है, इसलिए भारत को विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश भी माना जाता है. भारत का वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

अगर पिछले 5 साल की बात करें, तो भारत के वार्षिक दुग्ध उत्पादन में 6.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यानी कहा जा सकता है कि भारत सरकार के लिए दुग्ध उत्पादन एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है. बता दें कि दुग्ध उत्पादन एक कृषि उत्पाद है, जिसका देश की अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान रहता है. यह करीब 80 करोड़ से ज्यादा किसानों को रोजगार भी प्रदान करता है. इसके महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने डेयरी क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.

सरकार ने उठाया बड़ा कदम

भारत सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार द्वारा बताया गया है कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत निवेशकों के लिए एक ‘डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलरेटर’ स्थापित किया गया है. यह निवेशकों के लिए एक संपर्क सुविधा के रूप में काम करेगा. इसकी मदद से डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. बता दें कि हमारे देश में पैकेज्ड डेयरी उत्पाद का बहुत बड़ा घरेलू बाजार हैं. इसकी कीमत करीब 2.7 लाख करोड़ से लेकर 3 लाख करोड़ रुपए तक है.

निवेशकों के लिए है फायदेमंद

यह सरकार की एक ऐसी योजना है, जो कि पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास को प्रोत्साहित करेगी. यह 15 हजार करोड़ रुपए की प्रमुख योजना है. सरकार के बयान में बताया गया है कि यह निवेशकों के साथ इंटरफेस के रूप में काम करेगा. इसके तहत अलग-अलग तरह के कार्यों को पूरा करने के लिए टीम बनाई जाएगी.

इन 4 बिंदुओं पर केंद्रित रहेगी जिम्मेदारी

  • रणनीतिक साझीदारों के साथ जुड़ना

  • राज्य के विभागों और संबंधित प्राधिकरणों को जमीनी रूप से मदद करना

  • निवेश अवसरों के मूल्यांकन के लिए जानकारी देना

  • सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन संबंधित सवालों का जवाब देना

इंटरप्रेन्योर, निजी कंपनियों और FPOs को वित्तीय सहायता

यह एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AHIDF) के बारे में निवेशकों के बीच जागरूकता पैदा करेगा. इसके अलावा एमएसएमई, उद्यमियों, निजी कंपनियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को वित्तीय सहायता देने के लिए फंड की स्थापना की गई है. इस योजना का लाभ पात्र संस्थाएं डेयरी प्रसंस्करण, मांस प्रसंस्करण और पशु चारा संयंत्र के क्षेत्रों में नई इकाइयां स्थापित करने वाले उठा सकते हैं.

अन्य जरूरी जानकारी

  • लोन पर 3 प्रतिशत ब्याज की छूट

  • 6 साल अदायगी अवधि के साथ 2 साल की छूट

  • 750 करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी

जानकारी के लिए बता दें कि डेयरी क्षेत्र का विकास करने और इसे सुगम बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं. इसी कड़ी में उपयुक्त योजना भई एक अहम पहल मानी जा रही है.

(खेती से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट में विजिट अवश्य करें.)

English Summary: government of india's big step to promote investment in dairy sector Published on: 20 July 2021, 01:58 PM IST

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