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बासमती चावल उत्पादकों के लिए एपीडा ने आयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम

देश के किसानों की आय में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो सके, इस मकसद से एपीडा हमेशा कोई न कोई पहल करता रहता है. अब इसी क्रम में एपीडा की शाखा बीईडीएफ (बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन) ने बासमती चावल की निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से बासमती चावल की खेती करने वाले किसानों को जागरूक बनाने के लिए एक पहल किया है.

विवेक कुमार राय
Basmati Rice
Basmati Rice

देश के किसानों की आय में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो सके, इस मकसद से एपीडा हमेशा कोई न कोई पहल करता रहता है. अब इसी क्रम में एपीडा की शाखा बीईडीएफ (बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन) ने बासमती चावल की निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से बासमती चावल की खेती करने वाले किसानों को  जागरूक बनाने के लिए एक पहल किया है.

किसानों को किया गया जागरूक

दरअसल बीईडीएफ ने यूपी के चावल निर्यातक संघ की मदद से उच्च गुणवत्ता वाला बासमती चावल उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के मकसद से उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के अंतर्गत जहांगीरपुर में एक जागरूकता अभियान शुरू किया है.

बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन ने की पहल

बता दें कि भारत की आजादी (India's Independence) के 75 साल या 'आजादी का अमृत महोत्सव' के राष्ट्रव्यापी उत्सव के एक हिस्से के रूप में, बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन बासमती धान की खेती (Basmati Paddy Cultivation) में अनुशंसित मात्रा में रसायनों के इस्तेमाल के बारे में किसानों को जागरूक करने हेतु एक अभियान चलाया हुआ है. यह अभियान 16 जुलाई को शुरू किया गया था.

बासमती चावल की भारी मांग (Huge Demand for Basmati Rice)

इस जागरूकता कार्यक्रम के जरिए किसानों को इस बात से भालिभांति रूबरू कराया गया कि बासमती चावल की खेती (Basmati Rice Farming ) एक भारतीय परंपरा है और इस परंपरा को बनाए रखना सभी किसानों की जिम्मेदारी है, क्योंकि वैश्विक बाजार में बासमती चावल की भारी मांग (Huge Demand for Basmati Rice in the Global Market ) है. इसके अलावा, किसानों से राज्य के कृषि विभाग के जरिए basmati.net  पर अपना रजिट्रेशन कराने का अनुरोध किया गया है.

सौ से ज्यादा किसान जागरूकता अभियान में हुए शामिल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 125 से अधिक किसानों इस जागरूकता अभियान में शामिल हुए. वहीं इस अभियान के दौरान किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली बासमती का उत्पादन करने हेतु अनुशंसित सही मात्रा में रसायनों और उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी गई ताकि उन्हें वैश्विक बाजार में बासमती चावल की मांग बढ़ाने में मदद मिल सके और किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके.

भारत ने 2020-21 में 4.63 मिलियन टन बासमती चावल किया निर्यात

बता दें कि एपीडा की मदद से भारत ने 2020-21 में 29,849 करोड़ रुपये (4019 मिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य का 4.63 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया है. इसके अलावा, एपीडा मूल्य श्रृंखला में मौजूद विभिन्न हितधारकों की मदद से चावल के निर्यात को बढ़ावा देता रहा है. सरकार ने एपीडा के तत्वावधान में चावल निर्यात संवर्धन फोरम (आरईपीएफ) की स्थापना की थी.

चावल निर्यात संवर्धन फोरम क्या है? (What is Rice Export Promotion Forum)

चावल निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार द्वारा चावल निर्यात संवर्धन फोरम (आरईपीएफ) की स्थापना की गई है. चावल निर्यात संवर्धन मंच की स्थापना कृषि एपीडा (प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ निर्यात संवर्धन विकास प्राधिकरण) के तत्वावधान में की गई है. जिसका मकसद उत्पादन और निर्यात से संबंधित विकास की निगरानी, पहचान और अनुमान लगाना है. इसके अलावा, विभिन्न आवश्यक नीतिगत उपायों को सामने रखना है.

English Summary: apeda organizes awareness program for Basmati rice growers Published on: 20 July 2021, 09:55 AM IST

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