बदलते दौर के साथ खेती-किसानी में ड्रोन तकनीक (Drone Technology) का इस्तेमाल भी जरूरी हो गया है. ड्रोन की मदद से किसानों का काम आसान हो जाता है. फसलों पर बढ़ते रोग व कीटों की रोकथाम आसानी से कर सकते हैं.
कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकियों के अनूठे लाभों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture ) द्वारा ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए एक अनूठी पहल की गई है. ड्रोन तकनीक का कृषि में उपयोग करने एवं किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए कृषि मंत्रालय ने सरकारी आईसीएआर संस्थानों जैसे कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (State Agricultural Universities) को ड्रोन खरीदने के लिए 10 लाख रुपये तक का अनुदान देने की सुविधा दी है. बताया जा रहा है कि इस फैसले से गुणवत्तापूर्ण खेती को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही ड्रोन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
ड्रोन तकनीक को अपनाना समय की मांग है और इससे किसानों को फायदा होगा. देश के विभिन्न राज्यों में टिड्डियों के हमलों को रोकने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. सरकार कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को शामिल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि कृषि क्षेत्र की उत्पादकता के साथ-साथ दक्षता बढ़ाने के संदर्भ में स्थायी समाधान किया जा सके.
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ड्रोन तकनीक से फायदे (Benefits Of Drone Technology)
ड्रोन में विभिन्न विशेषताएं हैं, जैसे कि मल्टी-स्पेक्ट्रल और फोटो कैमरा. इसका कृषि के कई पहलुओं में उपयोग किया जा सकता है, जिसमें फसल की निगरानी, पौधों की वृद्धि और कीटनाशकों पर उर्वरक और पानी का छिड़काव आदि शामिल है.
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