किसान को इस साल सर्दी में की जाने वाली फसलों की खेती (winter crops plantation) से शानदार फायदा होने का अनुमान है क्योंकि इस साल रबी की 10 % खेती में बढ़तोरी देखी जा रही है. उत्तर भारत में पिछले सप्ताह हुई बारिश के कारण गेहूं की खेती और सरसों की खेती में इस्तमाल की जाने वाली मिट्टी के लिए उत्तम स्थिति पैदा हुई. पिछले साल के मुकाबले इस साल अच्छी फसल मिलने की संभावना है.
कृषि क्षेत्र से मिली सूचना के मुताबिक दालों का कृषि क्षेत्र इस साल 6.45 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 8.25 मिलियन हेक्टेयर हो गया है.इसका मतलब है कि इस बार जिन फसलों की खेती किसान कर रहे हैं, उसका उन्हें अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है.गौरतलब है कि उत्तम तरीकों से की जाने वाली सर्दी की उन्नत फसलों का दाम बाजार में अच्छा मिलता है. ज्यादा खेती से ज्यादा मुनाफा हासिल कर किसान भाइयों की उन्नति हो सकेगी.कृषि मंत्रालय के अनुसार, सर्दियों की फसलों का रोपण पिछले वर्ष के स्तर से 10% से अधिक हो गया है और खास तौर पर दालों की खेती क्षेत्र में 28% की वृद्धि देखी जा रही है.
सर्दियों में उगाई जाने वाली दलहनी फसलें (PULSE CROP IN WINTER)
इन दिनों भारत में दलहन की खेती (PULSE CROP PLANTATION) बहुत तेजी से हो रही है. दलहनी फसलों में उड़द का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है.भारत में सर्दियों के मौसम में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण दलहनी फसलें मटर, मसूर, लैथिरस, फील्ड मटर और किडनी बीन आदि हैं.हमारे देश के किसान अपनी आमदनी के लिए खेती पर ही निर्भर रहते हैं. अच्छे मुनाफे को हासिल करने के लिए वह विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती करते हैं जिसमें आजकल दलहनी और इसके जैसी अन्य नकदी फसलें भी शामिल हो रहीं हैं.वहीं सरकार भी इन दिनों दालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है. अब इसके परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं क्योंकि किसानों ने इन सर्दियों में बड़े क्षेत्रों में दलहनी फसलें बोई हैं.इसलिए उम्मीद की जा रही है इस बार शानदार और बंपर फसलें देकर किसान देश की अर्थव्यवस्था को गति देना का काम करेंगे.
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