 
            सरकार की हमेशा से ही यही कोशिश रही है कि हर उस कोशिश को अंजाम तक पहुंचाए जाए, जिससेहमारे भाई समृद्ध हो सके. इस दिशा में सरकार की तरफ से किसानों के हित में बेशुमार प्रयास किए गए हैं, जिसके सकारात्मक असर भी धरातल पर देखने को मिलते हैं. वहीं, विगत गुरुवार को मधुमक्खी पालकों के हित में केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया.
बता दें कि कल मधुमक्खी दिवस के मौके पर मधुमक्खी पालकों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूषा नई दिल्ली में शहद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित किया गया है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार का यह कदम मधुमक्खी पालकों के लिए काफी हितकारी रहेगा. बता दें कि विगत गुरुवार को राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के अंतर्गत, मधु एवं मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों की गुणवत्ता में इजाफा करने के लिए यह कारगर रहेगा.
पीएम मोदी के नाम बांधे तारीफों के पुल
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएम मोदी के नाम तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि बेशक कितने भी आलोचनाएं विपक्षी दलों की तरफ से पीएम के लिए क्यों न की जाए, मगर हमारे आदरनीय प्रधानमंत्री हमेशा से ही किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं. इसका अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि विगत दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद की कीमतों में इजाफा हुआ है,जिससे भारत में भी खाद की कीमत में उछाल दर्ज की गई, मगर किसानों के हितों को सर्वोत्त्म स्तर पर रखते हुए हमने खाद की कीमतों को बढ़ने नहीं दिया है.
यहां जानें खाद का पूरा गणित
तोमर ने कहा कि जब डीएपी का एक बैग 1200 रूपए में मिलता था, तब इसकी वास्तविक कीमत 1700 रूपए हुआ करती थी, लेकिन सरकार इसके एवज में 500 रूपए अदा भी करती थी, लेकिन फिर एकाएक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद की कीमत में इजाफा हुआ, जिससे भारतीय बाजार में खाद की कीमत 2400 रूपए हो गई. ऐसे में अगर सरकार 500 रूपए अपनी तरफ से सब्सिडी भी देती है, तो किसानों को यह 1900 रूपए में पड़ता, लिहाजा किसानों के ऊपर खाद की कीमत की वजह से आर्थिक बोझ न पड़े. इसके लिए सरकार ने अपनी सब्सिड़ी की रकम को 500 से बढ़ाकर 700 रुपए कर दिया है, जिससे डीएपी की कीमत 1200 रूपए ही बनी रहेगी. फिलहाल, केंद्र सरकार के इस फैसले से किसान भाई राहत की सांस ले रहे हैं, ताकि उन पर आर्थिक बोझ न पड़े.
सरकार की तरफ से मंजूर हुए इतने रकम
यहां हम आपको बताते चले कि केंद्र सरकार की तरफ से शहद उत्पादकों के लिए 300 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही एनबीएचएम को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की तरफ से 500 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं.
सरकार का यह रकम ‘मीठी क्रांति’ को प्राप्त करने के उद्देश्य से जारी किए हैं. हालांकि, अभी तक सरकार इस दिशा में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), आणंद में 5 करोड़ रुपए की सहायता से विश्वस्तरीय स्टेट आफ द आर्ट हनी टेस्टिंग लैब स्थापित कर चुकी है.
 
                 
                     
                     
                     
                     
                                                 
                                                 
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
Share your comments