आम बजट 2022 ऐसे समय में पेश किया गया है, जब अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के झटके से तेजी से उबर रही है। मोदी सरकार ने आजादी के 100 सालों को 'अमृत काल' की संज्ञा दी है. इसके 75 वर्ष पूरे हो गये हैं. आम बजट 'अमृत काल' के अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट है और यह कृषि क्षेत्र के लिए निरंतर उच्च विकास दर का आधार तैयार करेगा.
बजट में आधारभूत और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ पीपीपी मोड में कृषि प्रौद्योगिकियों के विकास से हम अगले 25 वर्षों में जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम होंगे.
एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में फसल आकलन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के छिड़काव आदि के लिए 'किसान ड्रोन' के उपयोग पर जोर देने की घोषणा की गई है. यह पहल कृषि क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित होगी.
केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना के कार्यान्वयन से सिंचाई क्षमता बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पूरी होगी। इस परियोजना पर पर कुल 44,605 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे 9 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो सकेगी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इस प्रोजेक्ट के तहत 1,400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
नवीनतम मशीनरी अपनाने और एफपीओ लाने के लिए स्टार्टअप को सहयोग करने की घोषणा भी स्वागत योग्य है. कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ने से उम्मीद है कि पीपीपी मोड में नवीनतम प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा.
फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण के लिए उत्पन्न हो रही गंभीर चुनौतियों को देखते हुए मुझे खुशी है कि सरकार ने इसे रोकने के लिए नई तकनीक अपनाने और फंड उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
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कुल मिलाकर बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई स्वागत योग्य घोषणाएं की गई हैं. उक्त घोषणाओं का जमीन पर कारगर तरीके से कार्यान्वयन महत्वपूर्ण होगा.
डॉ. केसी रवि
चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, सिंजेंटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
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