भारत में आधुनिक और पारंपरिक तरीके से खेती की जाती है. देश के अधिकतर किसान एक ही प्रकार की खेती पर निर्भर रहते है. जैसे कि गन्ना किसान अपने खेतों में केवल गन्ने की ही खेती करते हैं और फसल की कटाई के बाद खेत खाली छोड़ देते हैं. लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को बढ़ावा देने के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. जिसके लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा औद्यानिक मिशन अभियान भी चलाया जा रहा है.
आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को गन्ने की खेती का हब माना जाता है, इसलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश को शुगर बाउल के नाम से भी जाना जाता है. अब राज्य में गन्ने की खेती के बाद ड्रैगन फ्रूट की खेती भी बड़े पैमाने पर की जा रही है.
ड्रैगन फ्रूट क्या होता है?
ड्रैगन फ्रूट एक अत्यंत पौष्टिक फल है. यह कैक्टस परिवार का हिस्सा है और यह विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट में भी समृद्ध है. फल को काटकर उसके अंदर का काला और सफेद गूदा बेहद स्वादिष्ट होता है. फल में पानी की मात्रा अधिक होती है जो एक अतिरिक्त लाभ है इसमें आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिजों के साथ विटामिन सी और ई जैसे विटामिन मौजूद होते हैं जिससे फल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती से होगा लाखों को मुनाफा
आपको बता दें कि राज्य के एक किसान सचिन ने पिछले साल यहां पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी. उन्होंने अपने खेत में प्रति एकड़ 400 पोल खड़े किए और प्रति पोल में 4 पौधें लगाएं. कुल मिलाकर सचिन ने अपने खेत में 1600 पोधैं लगाए. उनका कहना है कि अब इन पौधों में फूल आने भी शुरू हो गए है और अब कुछ ही वक्त में फलों का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा. प्रति एकड़ खेती के लिए तकरीबन 5 लाख रुपए की लागत आई.
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आपको बता दें कि बाजार में एक ड्रैगन फ्रूट की खुदरा कीमत 200 से 250 रुपए तक होती है. तो वहीं ड्रैगन फ्रूट के पौधे की उम्र 15 से 20 साल की होती है. जिससे अनुमान है कि इस फ्रूट की फसल से कुछ सालों बाद लाखों की आमदनी होनी शुरू हो जाएगी.
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