उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सभी किसानों और किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को 19वीं किस्त की धनराशि प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होगा. कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर 2024 तक फार्मर रजिस्ट्री की औपचारिकता पूरी नहीं करने पर किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा. किसानों का डाटा सही नहीं होने के चलते ही लगभग 100000 किसान इस योजना से वंचित हो गए है. जनपद में किसान सम्मान निधि की पहली किस्त 4.50 लाख किसानों के खाते में आई थी लेकिन विभिन्न कारणों से बाद में किसान कम होते गए.
कम हुए योजना के लाभार्थी
पहली किस्त में जिले के 4.50 लाख किसानों को लाभ मिला था, लेकिन डाटा की त्रुटियों और अन्य कारणों से यह संख्या घटकर 3.50 लाख हो गई. अक्टूबर 2024 तक 92,239 किसानों ने आवेदन किया, जिनमें से केवल 39,249 आवेदन ही सही पाए गए.
फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया
कृषि विभाग ब्लॉक स्तर पर अभियान चलाकर किसानों को रजिस्ट्री में मदद करेगा. किसान स्वयं यूपी एग ऐप के माध्यम से या नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और खतौनी की छाया प्रति की आवश्यकता होगी.
गोल्डन कार्ड से होगा लाभ
फार्मर रजिस्ट्री के बाद किसानों का एक गोल्डन कार्ड बनेगा, जिसमें उनकी सभी भूमि का रिकॉर्ड आधार से लिंक होगा. यह कार्ड किसानों को योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त करने में मदद करेगा, जैसे:-
- किसान क्रेडिट कार्ड
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
- क्षतिपूर्ति आकलन और भुगतान
- डिजिटल डेटा से योजनाओं का लाभ
भारत सरकार की एग्रीस्टैक परियोजना के तहत गांवों का जियो-रेफरेंस मैप और डिजिटल क्रॉप सर्वे तैयार किया जा रहा है. फार्मर रजिस्ट्री से किसानों का डेटा प्रमाणित होगा और बार-बार तहसील से खतौनी प्रमाणित करवाने की जरूरत खत्म होगी.
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कृषि निदेशक की अपील
उत्तर प्रदेश के अपर कृषि निदेशक मनीष कुमार सिंह ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को कई लाभ मिलेंगे. इससे से किसानों का डाटा प्रमाणित करने में आसानी होगी. योजनाओं के लिए बार-बार तहसील जाकर खतौनी की प्रमाणित प्रति की आवश्यकता नहीं होगी. फार्मर आईडी गोल्डन कार्ड की सहायता से किसानों का विवरण कभी भी एवं कहीं भी प्रमाणित किया जा सकेगा.
लेखक: रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तर प्रदेश
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