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खाद-डीएपी का बोझ होगा खत्म, यहां पढ़ें पूरी खबर

किसानों की मदद के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहती है. वह अपनी कई सरकारी योजनाओं से लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश करती है. इसी क्रम में अब सरकार ने खाद के बोझ को कम करने के लिए एक नया तरीका निकाला है....

लोकेश निरवाल
खाद-डीएपी का बोझ होगा खत्म
खाद-डीएपी का बोझ होगा खत्म

देश के किसान भाइयों की मदद करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों से लेकर भारत सरकार भी अपने-अपने स्तर पर सहायता करती रहती है. इसी क्रम में अब देश के किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने नैनो डीएपी, नैनो जिंक, नैनो कॉपर पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है.

इस सिलसिले में गुजरात के कलोल स्थित नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए खाद पर काम करना बहुत तेजी से शुरू कर दिया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिकों ने हाल ही में कई तरह की खाद पर निरीक्षण करके उन्हें किसानों के लिए लाभदायक बनाया है. इस सिलसिले में अब वैज्ञानिकों का कहना है कि बोरियों में आने वाली यूरिया व DAP खाद किसानों को बोतल में भी उपबल्ध होगी. बताया जा रहा है कि अब किसानों को कीटनाशक की तरह खाद भी सरलता से प्राप्त होगी, लेकिन किसानों को बोतल में यूरिया DAP खाद (Urea DAP Fertilizer) लेने के लिए अगले साल तक इंतजार करना होगा.

50 किलो तक कम होगा भार

किसानों को यूरिया DAP खाद खरीदते समय पॉली बैग में 45 से 50 किलोग्राम तक वजन को भी उठाना पड़ता है, लेकिन वैज्ञानिकों के इस तरीके से किसानों को अब खाद आधा लीटर की बोतल में लिक्विड में प्राप्त होगी. बता दें कि इफको के प्लांट में नैनो यूरिया खाद (nano urea fertilizer) का उत्पादन हो चुका है और इनका प्रोडक्शन भी सभी सहकारी समितियों में भी भेजा जा चुका है. लेकिन देश के किसान भाई अभी भी इन खाद को लेने के लिए जागरूक नहीं हैं.

किसानों को मिलेगा अधिक लाभ

अगर हिसाब लगाया जाए, तो एक एकड़ खेत के लिए बोतल में 500 मिलीलीटर नैनो यूरिया खाद दी जाती है. वहीं अगर इसकी लागत की बात करें, तो आधा लीटर नैनो यूरिया बोतल की कीमत करीब 240 रुपए तक होती है. जबकि एक बोरी खाद की कीमत 267 रुपए तक है. इस हिसाब से किसान अधिक भार उठाने व अधिक लागत से बचेंगे. साथ ही नैनो यूरिया व डीएपी बोतल में आने से ट्रांसपोटेशन पर होने वाला खर्च भी बेहद कम होगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, बोरी व पॉलीबैग में आने वाली यूरिया व डीएपी खाद पर सहकारिता विभाग को लाखों रुपए तक खर्च करने पड़ते है. जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ता है.

खाद के लिए कहां बनेंगे प्लांट

किसानों की मदद करने के लिए कृषि विभाग भारत के कई हिस्सों में खाद के लिए प्रोडक्शन प्लांट को तैयार करेंगी. वह स्थान कुछ इस प्रकार से हैं.  आंवला, फूलपुर, कलोल, बेंगलुरु, पारादीप, कांडला, देवघर और गुवाहाटी में नैनो यूरिया, DAP खाद का प्लांट तैयार किए जाएंगे. इन सभी प्लांटों में एक बार खाद का उत्पादन शुरु होने के बाद किसानों को DAP खाद की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. एक सर्वे के मुताबिक, पिछले साल देश के किसानों ने खाद को लेकर कई परेशानी का सामना करना पड़ा है. जिसके देखते हुए सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं.

लोगों को मिलेगा रोजगार

अलग-अलग राज्यों में खाद के लिए उत्पादन क्षमता के लिए करीब 2 लाख बोतल प्रतिदिन की होगी. जिसके लिए कुल बजट 3000 करोड़ तक तय किया गया है और साथ ही लगभग 720 करोड़ पहले से ही आवंटित किए जा चुके है. ये ही नहीं बोलत में खाद के आ जाने से लगभग 1000 लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा.

English Summary: DAP fertilizer will be available in the bottle Published on: 08 June 2022, 02:12 PM IST

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