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Chhattisgarh on Millets: स्कूलों में मिड-डे मील का हिस्सा होगा बाजरा, मिलेट कार्निवाल से किसानों को सशक्त बनाने की कोशिश

छत्तीसगढ़ की सरकार राज्य में लगातार मिलेट्स को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसके लिए राज्य में अलग-अलग योजनाएं और कार्यक्रम चलाएं जा रहे हैं.

अनामिका प्रीतम
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स को बढ़ावा, किसानों को बनाया जा रहा सशक्त
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स को बढ़ावा, किसानों को बनाया जा रहा सशक्त

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार लगातार मिलेट्स यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देकर किसानों को सशक्त बनाने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में अब छत्तीसगढ़ के 12 जिलों के स्कूलों में भोजन के रूप में बाजरा परोसे जाने की योजना है. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी है.

स्कूलों में मिलेंगे बाजरे से बने भोजन

हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्वीट कर कहा है कि मैंने पत्र लिखकर केंद्र सरकार को मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है. मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूँ. अब राज्य के 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन, सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ स्कूली बच्चों को मिलेंगे.’’

छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल का आयोजन

हाल ही में छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की महत्ता को समझाने के लिए तीन दिवसीय मिलेट्स कार्निवल का आयोजन किया गया था. छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल का आयोजन राजधानी रायपुर के नेताजी सुभाष स्टेडियम में 17 से 19 फरवरी को किया गया. इस मिलेट्स कार्निवाल का लोगों ने भरपूर लाभ उठाया है. देशभर से आए विशेषज्ञ, किसान, कंपनियों ने अलग-अलग मिलेट्स की उपयोगिता और उससे होने वाले फायदे बताए. कार्निवाल में लगे स्टॉलों के माध्यम से मिलेट्स से बने माल्ट, बिस्किट, चिक्की, चॉकलेट, लड्डू, तेल समेत बड़ा, भजिया, इडली, डोसा जैसे व्यंजनों से होने वाले लाभ के बारे में बताया गया.

कार्निवाल के आयोजन को और बढ़ाने की मांग

इसमें देश के नामी शेफों ने मिलेट्स से बनने वाले व्यंजनों की विधि और मौसम के अनुसार उनके लाभ बताए. नुक्कड़ के जरिए कार्निवाल में आने वाले लोगों को मिलेट्स में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देकर उनके लाभ गिनाए गए. साथ ही राज्य सरकार द्वारा मिलेट्स की खेती को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के बारे बताया गया. राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि लोगों ने कार्निवाल के आयोजन को और बढ़ाने की मांग की. यह इस बात का संकेत है कि लोगों ने अधिकारिक संख्या में कार्निवाल का लाभ लिया और जागरूकता के साथ मिलेट्स की महत्ता को समझा. 

मिलेट्स के मांग से कृषि के क्षेत्र में रफ्तार

उन्होंने कहा कि कवर्धा जिले में एक साल के अंदर मिलेट्स का 8000 हेक्टेयर का रकबा बढ़ा है. इस बढ़त से समझा जा सकता है कि आने वाले समय में हम कृषि के क्षेत्र में कितनी रफ्तार से आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मिलेट कैफे में कुकीज और बिस्किट जैसे उत्पाद उपलब्ध हो रहे हैं. मंत्रालय में भी मिलेट्स कैफे खोला जाएगा. मंत्री चौबे ने किसानों और स्टार्टअप लेने वालों युवाओं को विभागीय योजनाओं का लाभ देने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि हम सभी को एकसाथ मिलकर मेहनत करना है और आगे बढ़ना है. ऐसे में हम जल्दी आगे बढ़ेंगे और जितना विस्तार मिलेट्स का होगा उतने ही हमारे प्रदेश के किसान सशक्त होंगे.

ये भी पढ़ेंः कृषि जागरण में मिलेट्स को लेकर भव्य कार्यक्रम, केंद्रीय मंत्री रुपाला सहित कई दिग्गज हस्तियां हुई शामिल

यहां आपको ये भी बता दें कि छत्तीसगढ़ में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्य में बाजरा उत्पादक किसानों को 9,000 रुपये की इनपुट सब्सिडी भी प्रदान कर रही है.

English Summary: Chhattisgarh on Millets: Millet will be a part of mid-day meal in schools, trying to empower farmers through millet carnival Published on: 20 February 2023, 11:50 AM IST

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