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सड़कों पर टमाटर फेंकने को मजबूर हुए किसान, मात्र 1.25 रुपए प्रति किलो मिल रहा दाम

कानपुर देहात में किसानों को टमाटर का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते किसान सड़कों में टमाटर फेंकने पर मजबूर हो गए हैं. खबरों की मानें तो किसानों को एक किलो टमाटर के महज सवा रुपए मिल रहे हैं...

निशा थापा
सड़कों पर टमाटर फेंकने को मजबूर हुए किसान, मात्र 1.25 रुपए प्रति किलो मिल रहा दाम
सड़कों पर टमाटर फेंकने को मजबूर हुए किसान, मात्र 1.25 रुपए प्रति किलो मिल रहा दाम

जहां एक तरफ पाकिस्तान में महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिसके चलते वहां टमाटर के दाम 160 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गए हैं. वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तान के कानपुर देहात में  किसानों को प्रति किलो टमाटर के महज सवा रुपए मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि बढ़ते तापमान के कारण टमाटर जल्द पकने लगे हैं जिसकी वजह से कानपुर देहात की मंडियों में टमाटर की आवक अचानक से बढ़ गई और दाम गिर गए हैं.

10 रुपये में 3 किलो टमाटर

मंडियों में दाम गिरने के बाद 10 रुपए के 3 किलो टमाटर फुटकर बाजार में मिल रहे हैं और थोक बाजार में किसानों से सवा रुपए किलो की दर से टमाटर खरीदे जा रहे हैं. सही मूल्य न मिलने पर किसानों की बिक्री नहीं हो पा रही है, जिसके विरोध में वह टमाटर को सड़कों पर फेंककर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं.

अच्छा हुआ टमाटर का उत्पादन

किसान फसल की अच्छी उपज के लिए काफी मेहनत करते हैं, ताकि उन्हें मुनाफा भी अच्छा मिले. मगर यहां किसानों की टमाटर की फसल तो काफी अच्छी हुई जिस कारण बाजार में टमाटर की आवक बढ़ने से दाम गिर गए. बता दें कि सरवनखेड़ा क्षेत्र के जमरेही, जसवापुर, सरखेलपुर, भदौली, आलापुर,  हरचंदपुर, मोहाना, पियासी व गंगागंज सहित कई ईलाकों में किसान काफी मात्रा में टमाटर की खेती करते हैं.

किसानों को प्रति किलो टमाटर के मिल रहे सवा रुपए

यह स्वाभाविक है कि जब बाजार में किसी उत्पाद की मात्रा काफी बढ़ जाती है तो उसकी कीमत में कमी आने लगती है. ऐसा ही कुछ कानपुर देहात में देखने को मिल रहा है. मंडियों में टमाटर की आवक बढ़ने से कीमत में भारी गिरावट आ गई है. अब मंडियों में बैठे दलाल किसानों से मात्र सवा रुपए की दर से टमाटर खरीद रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः इस राज्य में सड़कों पर फेंकी गईं सब्जियां, उत्पादन पर चले ट्रैक्टर

तापमान में बदलाव से किसानों को होगा नुकसान

फरवरी में ही तापमान में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है, जिस कारण से फसल जल्द पक रही है. बेमौसम में फसलों के पकने से गुणवत्ता में कमी देखने को मिलती है. साथ ही गर्मी बढ़ने से कई फसलें खराब हो सकती हैं. इसी को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि तापमान यूं ही बढ़ता रहा तो किसानों को नुकसान झेलना पड़ सकता है.

English Summary: kanpur dehat Farmers were forced to throw tomatoes on the roads, getting only Rs.1.25 per kg Published on: 20 February 2023, 11:39 AM IST

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