बीजेपी की शानदार जीत के बाद देशभर में एक सांसद चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल उस सांसद ने भारतीय राजनीतिक इतिहास में सबसे काम उम्र में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश किया है. वो महिला सांसद कोई और नहीं बल्कि हमारे देश की महिला युवा सांसद चन्द्राणी मुर्मू है. उन्होंने इस बार के लोकसभा चुनाव में 67,822 वोटों से पूर्व सांसद अनंत नायक को हराया है. चन्द्राणी मुर्मू ने बी.टेक से पढ़ाई पूरी की उसके बाद वह नौकरी की तलाश में लगी थी. उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वे सांसद बनेगी और अपने क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करेगी.
उनके नाना भी अपने समय में 2 बार कांग्रेस के सांसद रहे. उसके बाद उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने राजनीती की तरफ रुख नहीं किया। लेकिन 2019 में बीजू जनता दल के मुखिया नवीन पटनायक ने इस बार अचानक घोषणा करते हुए कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में युवा महिला को मौका देना चाहिए. जिसके बाद उन्होंने चन्द्राणी को क्योंझर से सांसद की टिकट देते हुए. चन्द्राणी को देश के सबसे युवा सांसद के तौर पर चुना. हालांकि चन्द्राणी से पहले भी देश के युवा सांसद का खिताब इंडियन नेशनल लोक दल के सदस्य दुष्यंत चौटाला को दिया गया था. जो कि हमारे देश के सबसे कम उम्र (26 साल) के सांसद बने थे.
2014 में उन्हें हिसार लोकसभा से चुना गया था. लेकिन चन्द्राणी (25 साल 11महीने ) ने दुष्यंत चौटाला को पीछे छोड़ते हुए कम उम्र की सांसद का खिताब अपने नाम किया. इस बार ओडिशा में 21 संसदीय सीट पर चुनाव हुआ था. जिसमें कुल 7 महिला सांसद उम्मीदवार चुनी गई. आम जनता को युवा सांसदों से काफी उम्मीदें है कि वे उनके लिए जरूर कुछ अच्छा करेंगे. ऐसे में यह उनके लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है.
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