देश में वर्तमान सरकार के द्वारा बीते दो तीन साल से सरकारी बैंकों और अन्य दूसरी सरकारी संस्थाओं को काफी तेजी से प्राइवेट किया गया है जिसमें अब एक और सरकारी बैंक IDBI का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि IDBI के शेयर बेचने के लिए निवेशकों की बोलियों को मार्च तक आमंत्रित किए जाने की संभावना है. वहीं इसे बेचने की प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष में शुरु हो सकती है.
सरकार बेचेगी इतनी हिस्सेदारी
सरकार ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में कुल 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान बनाया है जिसके लिए बोलियां या रुचि पत्र (EoI) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर, 2022 तय की गई है.
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बोलियों को मंजूरी मिलने में लगेगा इतना समय
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक ईओआई और इच्छुक आवेदनकर्ताओं को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘उचित एवं उपयुक्त’ मूल्यांकन की मंजूरी मिलने में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है.
बैंक की हिस्सेदारी का विवरण
IDBI बैंक के शेयरों की बात की जाए तो भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास मौजूदा समय में IDBI की 529.41 करोड़ यानी कि 49.24 फीसदी शेयर हैं, जबकि केंद्र सरकार के पास 488.99 करोड़ शेयरों के साथ 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है. इस प्रकार एलआईसी और सरकार की संयुक्त साझेदारी 94.74 प्रतिशत है जिसमें से 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बाद सिर्फ 34 फीसदी हिस्सेदारी रह जाएगी.
इतना पैसा जुटाने का है लक्ष्य
सरकार ने IDBI बैंक को वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश से 65 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें 24 हजार से ज्यादा वह जुटा चुकी है.
आवेदन करने के लिए हैं ये शर्तें
IDBI बैंक के शेयरों में निवेश करने के लिए आवेदनकर्ता के पास 22,500 करोड़ रुपए की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए और साथ ही बोली लगाने के लिए पिछले पांच सालों में से तीन में कंपनी का मुनाफे में होना जरुरी है.
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