पंजाब में अश्व कल्याण मुद्दों में सुधार, बेहतर अनुसंधान एवं अश्व पालक समुदाय की समस्याओं के समाधान के लिए ब्रुक इंडिया ने गुरू अंगद पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये. समझौते पर ब्रिगेडियर जे एस धरमाधीरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ब्रुक इंडिया और डॉ जे पी गिल, अनुसंधान निदेशक, गुरू अंगद पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने 5 मार्च को हस्ताक्षर किए.
अश्व मालिकों को मिलेगा कौशल विकास प्रशिक्षण
समझौते के तहत, दोनों संगठन परवेट, स्थानीय सेवा प्रदाता, पशु चिकित्सकों और इच्छुक अश्व मालिकों को अश्वो से जुड़ी कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करेंगे. साथ ही नालबंदी को बढ़वा देना के लिए कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) के मानदंडों अनुसार प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे. टेक्नालजी का इस्तेमाल करते हुए अश्व प्रजाति से जुड़े मुद्दों पर पशु विज्ञान छात्रों और पशु चिकित्सकों के लिए वेबिनरों का आयोजन भी किया जाएगा.
पंजाब में केवल 16350 ही बचे हैं अश्व
पंजाब में, अश्व मालिकों की दो श्रेणियां हैं; अमीर मालिक जो इन्हें पालतू पशु की तरह रखते हैं और दूसरे गरीब, जो इनसे अपनी जीविका कमाते हैं. 2019 की जनगणना के अनुसार, राज्य में केवल 16350 ही बचे हैं. इतनी सीमित संख्या के कारण, ये कामकाजी अश्वो विभिन्न सरकारी योजनाओं के दायरे से बाहर रह जाते हैं.
कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस समझौते के परिणामस्वरूप राज्य में गरीब अश्व मालिकों एवं कामकाजी अश्वो की स्थिति में सुधार होगा एवं नए पशु कल्याण परियोजनाओ का सृजन और अश्वो से जुड़ी कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा.
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