केरल के अलप्पुझा में बर्ड फ्लू के मामले काफी तेजी से सामने आ रहे हैं. बर्ड फ्लू के केस अधिक बढ़ने पर पशुपालन विभाग ने तेलंगाना के करीब 12 बॉर्डर चेक पोस्ट पर 24 घंटे निगरानी बढ़ा दी है. जिन चेक पोस्ट की हम बात कर रहे हैं उनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं. अनाइकट्टी, वालयार, वेलांदावाज़म, मेलबावी, मुल्ली, मीनाक्षीपुरम, गोपालपुरम, सेम्मनमपथी, वीरप्पागौंडनपुदुर, नादुप्पुनि, ज़मीन कलियापुरम और वडक्कडु आदि है.
बता दें कि अलाप्पुझा में बर्ड फ्लू वायरस/Bird Flu Virus का प्रकोप H5N1 वायरस क्लैड 2.3.4.4b से जुड़ा हुआ है. इस वायरस के चलते पक्षियों की बड़े पैमाने पर मौत हो रही है. ऐसे में आइए इस खतरनाक वायरस के बारे में विस्तार से जानते हैं.
क्या है बर्ड फ्लू वायरस/ What is Bird Flu Virus?
बर्ड फ्लू वायरस/Bird Flu Virus पक्षियों की बीमारी है, जोकि बेहद घातक है. देखा जाए तो बर्ड फ्लू वायरस/ Bird Flu Virus जंगली पक्षियों से पालतू पक्षियों में तेजी से फैलती है. साथ ही इस समय यह वायरस अब इंसानों में भी फैलना शुरू कर दिया है. बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है, जोकि साल 2003 में पहली बार वियतनाम में देखा गया था.
बर्ड फ्लू के लक्षण
H5N1 इन्फ्लूएंजा के लक्षण COVID-19 सहित अन्य वायरल श्वसन बीमारियों से मिलते जुलते हैं. बर्ड फ्लू होने पर तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, गंभीर उल्टी आदि परेशानी होना शुरू हो जाती है. इस वायरस से बचाव के लिए एंटीवायरल दवाओं के साथ शीघ्र हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है.
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बर्ड फ्लू वायरस के दौरान इन सावधानियों का रखें ध्यान
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बर्ड फ्लू वायरस से संक्रमित पक्षियों को संभालने वाले दस्ताने को पहने और साथ चेहरे को कवर करके रखें.
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हाथों को बार-बार साबुन से धोएं.
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सही तरीके से पका हुआ चिकन का ही सेवन करें.
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किसी भी तरह के मृत या फिर पक्षी आपको दिखाई दें तो उसकी सूचना आपको तुंरत पशु कल्याण विभाग या फिर स्थानीय सरकारी विभाग को देनी चाहिए.
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