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पंजाब, एमपी में कम आवक के कारण गेहूं की खरीद में गिरावट, कम कीमत मिलने से किसान परेशान

Wheat Procurement: पंजाब, एमपी जैसे मुख्य गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की आवक में बेहद कम हो गई है. जिससे गेहूं की खरीद में 37 फीसदी की गिरावट आई गहै. कम आवक के बाद भी किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. जिससे किसान परेशान हैं.

बृजेश चौहान
पंजाब, एमपी में कम आवक के कारण गेहूं की खरीद में गिरावट
पंजाब, एमपी में कम आवक के कारण गेहूं की खरीद में गिरावट

Wheat Procurement: देश में गेहूं की खरीद में गिरावट दर्ज की गई है. गेहूं की खरीद 37 फीसदी तक घटी है. हालांकि, मिल मालिकों और व्यापारियों का कहना है कि कम आवक मुख्य रूप से हाल की बारिश से अनाज भीगने के कारण है. गेहूं सूखने पर किसान उसे खरीद केंद्रों पर लाएंगे. वहीं, खरीद में गिरावट के बाद भी किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. जिससे किसान परेशान दिखाई दे रहे हैं. किसानों का कहना है की उन्हें उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की कई राज्यों में तो गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है.  

मिलर्स पंजाब सरकार द्वारा लक्ष्य से अधिक खरीद पर भरोसा कर रहे हैं और ज्यादा खरीद में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. क्योंकि उन्हें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से घोषणा के अनुसार 2,300 रुपये/क्विंटल पर अनाज खरीदने की उम्मीद है, जो कि उनकी कीमत से कम है. बिजनेस लाइन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गेहूं की कुल खरीद 18 अप्रैल तक 60.58 लाख टन तक पहुंच गई है, जो एक साल पहले 95.36 लाख टन थी. गेहूं की आवक में भी इसी तरह की गिरावट है जो एक साल पहले के 130.97 टन के मुकाबले 18 अप्रैल तक 86.23 टन दर्ज की गई थी.

केंद्र ने पंजाब में एक साल पहले के 31.68 टन के मुकाबले 3.31 लीटर गेहूं की खरीद की है, जबकि आवक 4.71 लीटर बताई गई है, जो एक साल पहले 40.07 लीटर से कम है. वहीं, मध्य प्रदेश में बारिश के कारण खरीद में बाधा आई है और परिणामस्वरूप, कुल खरीद अब एक साल पहले के 27.98 लीटर से घटकर 24.55 लीटर रह गई है.

पंजाब रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश घई ने कहा कि "ऐसा लगता है, पंजाब में इस साल उत्पादन 10-15 प्रतिशत अधिक है. फसल की गुणवत्ता बहुत अच्छी है और सूखने के बाद किसान अनाज लाएंगे. ऐसा कोई कारण नहीं है कि खरीद 130 टन के लक्ष्य से अधिक नहीं होगी. यह 132 टन तक पहुंच सकती है."

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सरकारी खरीद के बाद मिलर्स करेंगे खरीद 

यह पूछे जाने पर कि क्या मिलर्स इस साल आक्रामक तरीके से खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, घई ने कहा कि एक बार सरकार अपनी खरीद पूरी कर ले, उसके बाद जरूरत पड़ने पर मिलर्स खरीदारी करेंगे. सूत्रों ने कहा कि पंजाब के मिल मालिक खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के माध्यम से एफसीआई से गेहूं खरीदना चाहते हैं जो कम से कम 50 रुपये/क्विंटल सस्ता होगा क्योंकि उन्हें अनाज खरीदने के लिए अधिक खर्च करना होगा.

केंद्रीय भंडार में गेहूं का स्टॉक घटा 

केंद्र सरकार के भंडार में गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल को पिछले 16 वर्षों में सबसे कम हो गया, जिससे सरकार पर यथासंभव अधिक मात्रा में गेहूं खरीदने का दबाव पड़ा। हालांकि आधिकारिक लक्ष्य 1 अप्रैल से शुरू हुए विपणन वर्ष में 372.9 लाख टन (लीटर) खरीदने का है, अधिकारियों ने कहा है कि "यथार्थवादी" खरीद 310-320 लीटर हो सकती है। कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन 1120.2 लीटर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है।

English Summary: Wheat procurement declines due to low arrival in Punjab MP farmers upset due to low prices Published on: 22 April 2024, 04:29 PM IST

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