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बिहार कैबिनेट में कृषि शिक्षा को लेकर हुआ यह फैसला

राज्य सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने और इसे रोजगार से जोड़ने के लिए व्यापक स्तर पर योजना बनायी है. इसके तहत इंटर स्तर पर छात्रों को कृषि की पढ़ाई करायी जायेगी. कैबिनेट की बैठक में बुधवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगी.

पटना : राज्य सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने और इसे रोजगार से जोड़ने के लिए व्यापक स्तर पर योजना बनायी है. इसके तहत इंटर स्तर पर छात्रों को कृषि की पढ़ाई करायी जायेगी. कैबिनेट की बैठक में बुधवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगी.  

इसके अनुसार, सभी जिलों से एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय का चयन किया जायेगा और इन स्कूलों में आइएससी, कृषि की पढ़ाई करायी जायेगी. इसके लिए प्रत्येक चयनित स्कूल में दो कृषि शिक्षकों की बहाली की जायेगी.  

सभी 38 जिलों में योजना को शुरू करने के लिए 76 शिक्षकों की बहाली की जायेगी. इन शिक्षकों के लिए स्थायी पद सृजित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इनकी बहाली नियोजन के आधार पर होगी. इस योजना पर खर्च करने के लिए एक करोड़ 83 लाख रुपये जारी किये गये हैं.  

इस वर्ष विभिन्न नदियों से आयी बाढ़ की वजह से 19 जिलों में बड़ी संख्या में फसल की बर्बादी हुई है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान के लिए बिहार आकस्मिक निधि से 894 करोड़ 72 लाख रुपये जारी किये हैं.  

जिन जिलों में फसल क्षति के लिए मुआवजा दिया जायेगा, उसमें अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, सीतामढ़ी, दरभंगा, शिवहर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर और सीवान शामिल हैं. इन जिलों में छह लाख 52 हजार 872 हेक्टेयर में लगी फसल की क्षति हुई है. इनके लिए कृषि इनपुट अनुदान जारी किया गया है. 

सरकार ने पांच जिलों में सब्जी की सहकारिता समिति बनाने का निर्णय लिया है. जिन जिलों का चयन किया गया है, उसमें पटना, नालंदा, बेगूसराय, वैशाली और समस्तीपुर शामिल हैं. 

इन जिलों में तीन स्तर पर सहकारिता समिति का गठन किया जायेगा. पहले स्तर में प्रखंड स्तरीय होगा, जिसमें किसानों के समूह से संग्रह करने और इनका प्रसंस्करण करने का काम होगा. दूसरा चरण क्षेत्रीय स्तर पर होगा, जिसमें कुछ जिलों को मिलाकर एक सहकारिता समिति बनायी जायेगी. तीसरा चरण राज्य स्तरीय होगा, जिसमें एक सहकारिता समिति का गठन किया जायेगा. 

इससे सभी नीचे की समितियां जुड़ी रहेंगी. इस योजना का मकसद सब्जी का उत्पादन बढ़ाने और इससे जुड़े किसानों को ज्यादा मुनाफा दिलाना है. इस योजना की देखरेख करने की पूरी जिम्मेदारी सहकारिता विभाग की होगी. इस त्रिस्तरीय सहकारिता व्यवस्था से किसानों को जोड़कर दुग्ध उत्पादन सहकारिता समिति की तरह किसानों को उचित लाभ और मार्गदर्शन मुहैया कराना है. 

जिलों में बनेंगे सहकार भवन : सहकारिता विभाग की दूसरी महत्वपूर्ण योजना के तहत वर्ष 2017-18 के दौरान दो प्रमंडल मुख्यालय और 12 जिला मुख्यालयों में सहकार भवन का निर्माण कराया जायेगा. इसके निर्माण के लिए 35 करोड़ 22 लाख रुपये प्रति भवन दिये जायेंगे. सहकारिता विभाग के इस भवन में सहकारिता विभाग का कार्यालय और बैंक समेत सभी कार्यालय शिफ्ट होंगे. ये भवन सहकारिता विभाग के मुख्यालय के रूप में जिलों में काम करेंगे.

आर्यभट्ट विवि के भवन के लिए रुपये जारी : आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 77 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. साथ ही तीन उत्कृष्ट शैक्षणिक केंद्रों के संचालन के लिए 17 करोड़ 95 लाख रुपये अलग से दिये गये हैं. 

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के नौ परीक्षा भवनों और नौ क्षेत्रीय कार्यालयों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को एक करोड़ 61 लाख रुपये जारी किये गये हैं. साथ ही इनमें विभिन्न श्रेणियों के 21 पदाधिकारियों के पद का सृजन किया गया है. इन पर जल्द ही बहाली शुरू की जायेगी. 

प्रति बूंद अधिक फसल योजना के लिए 41 करोड़ मिले : केंद्र प्रायोजित पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत 'प्रति बूंद अधिक फसल' योजना को शुरू करने के लिए 25 करोड़ केंद्रांश और 16.66 करोड़ रुपये राज्यांश को मंजूरी दी गयी है. कुल 41 करोड़ 66 लाख की लागत से इस योजना को गति दी जायेगी. इसके अलावा वर्ष 207-18 के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 65 करोड़ 42 लाख रुपये जारी किये गये हैं. 

इसमें 29 करोड़ 90 लाख केंद्रांश और 19 करोड़ 93 लाख रुपये राज्यांश के रूप में खर्च किये जायेंगे. वित्तीय वर्ष 207-18 के लिए ही नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना तथा इससे संबंधित राज्य योजना का 98 करोड़ छह लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. 

 

English Summary: Bihar cabinet decision on agricultural education Published on: 21 October 2017, 11:27 PM IST

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