केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की अपील में साथ देने में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का भी नाम जुड़ गया है. दरअसल भोपाल नगर निगम ने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए नारियल के खोल में पौधे लगाने का कार्य किया जा रहा है, उन्होंने प्लास्टिक के उपओग को कम करन का तेजी से कार्य शुरू किया है. प्लास्टिक के उपोग को कैसे कम किया जाए इस पर काफी विचार भी किया जा रहा है. भोपाल नगर निगल ऐसा करके पर्यावरण संरक्षण पर भी कार्य करने पर कार्य कर रहा है. नर्सरी में नारियल के खोल पर पौधे रोपने से काफी फायदा भी हो रहा है.
क्या है पीएम का प्रोजेक्ट
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2019 में निगम ने बतौर पायलट प्रोजेक्ट इसकी शुरूआत की थी लेकिन पीएम की अपील के बाद इसमें तेजी आई है. यहां के नगर निगम के सुझाव पर यह प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. इसमें नारियल पानी के ठेलों से नारियल के खाली खोल को जमा किया है. बाद में इन्ही को रोपा जाता है. नारियल के खोल में पौधे रोपने के बाद जब पौधों से होता हुआ पानी मिट्टी में मिलता है तो इससे खोल गीला बना रहता है. बाद में धीरे-धीरे खाद में बदल जाता है.
नारियल के खोल में पौधों का रोपण
भोपाल नगर निगम हर साल करीब 30 लाख रूपये की लागत से प्लास्टिक खरीदता है जिनमें पौधें रोपे जाते है. अब नारियल के खोल में पौधे लगाने का प्रोजेक्ट जब पूरी तरह से लागू हो जाएगा तब करीब तीस हजार किलो प्लास्टिक पर्यावरण में मिलने से रोका जा सकेगा. वही रूपयों की बचत भी होगा. भोपाल की किलोल नर्सरी में इसकी शुरूआत कर दी गई है जहां पर धीरे-धीरे प्लास्टिक से निकाल कर पौधों को नारियल के खोल में रोपा जा रहा है. हालांकि अभी पूरी तरह से प्लास्टिक पर रोक नहीं लगी है विकल्प तालाशे जा रहें है
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