अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल ने घोषणा की है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिलने वाले आहार में बाजरे को शामिल किया जाएगा. अस्पताल का यह कदम मरीजों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान करने में मदद करेगा.
बाजरा पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है, जो प्रोटीन, खनिज, विटामिन और आहार फाइबर में उच्च होता है. इसके सेवन से हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे का जोखिम कम होता है. इसके अलावा, बाजरा ग्लूटन फ्री भी होता है, जो मरीजों के सेवन के लिए लाभदायक माना जाता है.
एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक, प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने कहा, हम अपने रोगियों के आहार में बाजरा पेश करने के लिए बहुत उत्साहित हैं. हमें विश्वास है कि मोटे अनाज से मरीजों को आवश्यक पोषण मिलेगा, जो उन्हें जल्दी स्वस्थ होने में मदद करेगा. हम रोगियों की अच्छी देखभाल के लिए काफी नए कदम उठा रहे हैं.
बता दें, एम्स भोपाल अपने मरीजों को आहार के रूप में बाजरा प्रदान करने वाला पहला अस्पताल है. संस्थान ने बाजरा की खरीद के लिए स्थानीय किसानों के साथ सहयोग किया है और एम्स भोपाल के आहार विभाग ने भी बाजरे के उपयोग से विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को तैयार करना शुरु कर दिया है. भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 का प्रस्ताव रखा जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने स्वीकार कर लिया.
संस्थान ने बाजरे के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है और लोगों को उन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी एम्स भोपाल की पहल की सराहना की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "अच्छा पोषण हमारी परंपरा है.
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एम्स भोपाल भर्ती मरीजों के आहार में बाजरे को शामिल करने से उन्हे कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे. इसका सेवन हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे की समस्या को कम करता है. एम्स की यह पहल लोगों को श्री अन्न से जुड़ने में प्रेरित करेगी.
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