आज के समय में बढ़ती मंहगाई को देखते हुए किसानों के लिए जरुरी हो गया है कि समय के साथ – साथ खेती में भी नए – नए बदलाव किये जाएं. खेती में नई – नई तकनीकों को अपनाया जाए, इसलिए इस सभी बातों की जरूरतों को समझते हुए कृषि विज्ञानिक भी अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करते रहते हैं.
हाल ही में झारखण्ड के किसानों को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) एवं राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD), क्षेत्रीय कार्यालय, रांची में उन्नत कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम (Agriculture Training Program) का आयोजन गया है. इस कार्यक्रम में जिले के सभी किसान सहित कृषि वैज्ञानिक भी शामिल रहे. यह कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित किया गया है.
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया (Natural Farming Promoted)
इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि, नाबार्ड, रांची के मुख्य महाप्रबंधक, डॉ गोपा कुमारन नायर ने नाबार्ड द्वारा प्रायोजित तीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि बीएयू और नाबार्ड कृषि विकास और किसानों के हित के समान उद्देश्यों के साथ काम कर रहे हैं. यह कार्यक्रम राज्य की कृषि योग्य भूमि को उपजाऊ बनाकर सतत कृषि विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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महिला और पुरुष किसानों ने लिया भाग (Women And Men Farmers Took Part)
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के सभी किसान भाई शामिल थे, जिनमें राज्य के सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, धनबाद, पलामू, गिरिडीह, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और देवघर आदि हैं. मिली जानकारी के अनुसा,र इस कार्यक्रम में जिलों से कुल 175 पुरुषों और 19 महिलाओं ने भाग लिया.
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