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चार कृषि विश्वविद्यालयों की 193 सिफारिशों को मिली मंजूरी

पिछले 50 वर्षों के दौरान खेती के कार्यों में बदलाव नजर आया है. क्या आप जानते हैं कि इस बदलाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका किसकी रही है? बता दें कि सिर्फ किसान ही दिन रात मेहनत नहीं करते हैं, बल्कि इसमें बड़े-बड़े विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और सरकार का भी बहुत बड़ा योगदान रहता है.

स्वाति राव
Agriculture University
Agriculture University

पिछले 50 वर्षों के दौरान खेती के कार्यों में बदलाव नजर आया है. क्या आप जानते हैं कि इस बदलाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका किसकी रही है?  बता दें कि सिर्फ किसान ही दिन रात मेहनत नहीं करते हैं, बल्कि इसमें बड़े-बड़े विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और सरकार का भी बहुत बड़ा योगदान रहता है.

किसानों की आमदनी को बढ़ने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को संचालित करती है, तो वहीँ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े कृषि विद्यालय के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने नई-नई तकनीकों को विकसित किया है. इस बदलते बदलाव को  लेकर महाराष्ट्र के वसंतराव नायक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय में एक बैठक आयोजित हुई. जिसमें जायंट एग्रेस्को में अनुसंधान सिफारिशों को मंजूरी दी गई है.  

इस बैठक में प्रदेश के 4 कृषि विश्वविद्यालय (4 Agricultural University) शामिल थे. जहाँ राज्य के 4 नए विश्वविद्यालयों की 193 सिफारिशों को मंजूरी दी गई है. विभिन्न फसलों की 9 किस्में, 2 फल फसलें, 15 औजार और शेष 167 प्रौद्योगिकी सिफारिशों के साथ हैं.

इतना ही नहीं, अंगूर अनुसंधान और अनार अनुसंधान केंद्र की 2 फल फसलों को भी मंजूरी दी गई हैं. इसके साथ ही मशीनीकरण पर भी जोर दिया गया है. इस मीटिंग में बोला गया कि उत्पादन वृद्धि के लिए और कृषि क्षेत्र के बढ़ावा के लिए मशीनीकरण बहुत जरुरी है. 

इस खबर को भी पढें - हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में मिल रहा है गेहूं, चना और जौ के प्रमाणित बीज

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादा जी भूसे ने अनुसंधान अनुशंसाओं में वृद्धि होती देख अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों को कागज पर नहीं, बल्कि किसानों के प्रत्यक्ष लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इस सिफारिश के साथ कृषि विभाग की भावना, विस्तार प्रणाली के साथ-साथ कृषि विभाग के तत्वों को इसे किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है. तभी उसका फल मिलेगा. इसका अलावा उन्होंने आगे कहा कि इन सिफारिशों के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करना चाहिए.

प्रदेश के चारों कृषि विश्वविद्यालयों की बैठक (Meeting Of Four Agricultural Universities Of The State)

बता दें कि इस बैठक में वसंतराव नायक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. कृषि अनुसंधान एवं विकास समिति के तत्वावधान में कृषि राज्य मंत्री दादा भूसे के साथ पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्याल, कोंकण कृषि विश्वविद्याल,महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ शामिल थे. इसमें बैठक ऑनलाइन माध्यम से वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की चर्चा हुई थी.

English Summary: 193 recommendations of four agricultural universities were approved Published on: 03 January 2022, 05:13 PM IST

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