बाजार में आलू की मांग 12 माह रहती है, क्योंकि स्वादिष्ट पकवानों से लेकर कई उत्पादों में आलू की बड़ी हिस्सेदारी है. यही वजह है कि देशभर के किसान आलू की खेती (Potato Cultivation) से जुड़े हैं
किसान भाई आपकी थाली तक आलू पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. बता दें कि आलू की फसल तैयार होने के बाद खुदाई का कार्य किया जाता है, जो कि कड़ी मेहनत का कार्य है.
अगर किसान पारंपरिक तरीके से आलू की खुदाई में करते हैं, तो इसमें समय ज़्यादा लग जाता है और मज़दूरों की ज़रूरत भी पड़ती है. इसके अलावा हाथ से आलू की खुदाई करने में फसल की बर्बादी ज्यादा होती है, इसलिए बाजार में कटे आलू की कीमत अच्छी नहीं मिलती है.
बस किसानों की इसी समस्या का समाधान करने के लिए एक कृषि यंत्र (Agriculture Machinery) बनाया गया है, जिसका नाम पोटैटो डिगर है. यह एक ऐसी मशीन है, जो किसानों के लिए आलू की खुदाई के कार्य आसान बनाती है.
क्या है पोटैटो डिगर? (What is Potato Digger?)
मौजूदा समय में कई किसान आधुनिक कृषि यंत्र (Agriculture Machinery) पोटैटो डिगर (Potato Digger) का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस कृषि यंत्र के जरिए आलू आसानी से जमीन से निकाला जा सकता है., जिसमें समय की अच्छी खासी बचत होती है. बता दें कि पोटैटो डिगर ब्लेड, चेन कनवेयर बेल्ट, गियर बॉक्स आदि से लैस होता है, जिसके ट्रैक्टर के साथ लगाकर इस्तेमाल किया जाता है.
इस कृषि यंत्र से ज़मीन पर एक सटीक गहराई सेट की जा सकती है और फिर वही सामान गहराई किसान को पूरे खेत में मिलती है. इस तरह आलू की खुदाई को आसानी से होती है. आप इसकी गहराई को बढ़ा-घटा भी सकते हैं. खास बात यह है कि इससे बिना कटे आलू बाहर निकलते हैं.
पोटैटो डिगर की खासियत (Features of Potato Digger)
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यह कृषि यंत्र जमीन से आलू निकालकर उसकी मिट्टी को भी झाड़ देता है, जिससे एकदम उच्च गुणवत्ता वाला आलू बाहर निकलता है.
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इस कृषि यंत्र में एक जालीदार प्लेटफॉर्म लगा होता है, जिस पर आलू जाल के घेरे से निकल कर गिरते हैं.
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खेत में साफ आलू मिट्टी की सतह पर गिरते हैं.
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इस कृषि यंत्र के प्रयोग से समय पर आलू की खुदाई होती है.
पोटैटो डिगर की कीमत (Potato Digger Price)
अगर पोटैटो डिगर की कीमत की बात करी जाए, तो इसकी लगभग 40 हज़ार रुपए की कीमत से शुरुआत होती है, जो कि डेढ़ लाख तक रहती है. इसके अलावा कीमत कंपनी और तकनीक पर भी निर्भर करती है. आप इस कृषि यंत्र की खरीद के लिए अपने क्षेत्र की निजि कंपनी से संपर्क कर सकते हैं, जो कृषि यंत्रों का निर्माण करती हैं.
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान जालंधर के वैज्ञानिक सुखविंदर सिंह का कहना है कि आलू की बुवाई, निराई से लेकर खुदाई तक के कार्यों में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. उनका कहना है कि आलू की अच्छी फसल लेने के लिए खेत तैयार करते समय उन्हीं कृषि यंत्रों का उपयोग कर सकते हैं, जो बाकी फसलों की खेती के समय करते हैं. इसके लिए पावर टिलर, रोटावेटर, हैरो आदि का उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आलू की खेती में टैक्टर, पोटैटो डिगर से लेकर अन्य कृषि यंत्र बहुत उपयोगी है.
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