पूरे भारत में पराली प्रबंधन एक बड़ी समस्या बनकर सबके सामने उभर रही है. पराली के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए सरकार किसानों को कई तरह से सहूलियतें दे रही हैं. लेकिन, देश में ऐसे भी बहुत से किसान हैं जो पराली प्रबंधन का बेहतरीन नमूना पेशन कर रहे हैं ऐसे ही आधुनिक सोच रखने वाले पंजाब के लुधियाना जिले के ग़ालीब खुर्द गांव के एक किसान जसप्रीत गिल हैं. जो गेहूं की बीजाई हैपी सीडर से करके वातावरण की सुरक्षा का खास ध्यान रखा है.
जसप्रीत गिल धान की पराली को बिना जलाये गेहूं की बिजाई हैपी सीडर से करके समय के साथ-साथ तेल की भी बचत करके ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. दशवीं पास जयप्रीत ने आधुनिक खेती करके अपने परिवार की स्थिति को ही नहीं बल्कि अपने क्षेत्र के किसानों का मार्गदर्शन भी कर रहे हैं. जसप्रीत कहते हैं की उनका वातावरण से बहुत मोह है इसलिए उनका पराली जलाने का मन नहीं करता.
यही कारण है जो उन्होंने पंजाब युनिवेर्सिटी मशीनरी विभाग में राबता कायम किया. यूनिवर्सिटी की ही सलाह पर उन्होंने हैपी सीडर का इस्तेमाल चालू किया है. जिसके बाद गेहूं की फसल का झाड़ काफी अच्छा रहा. इसलिए वह पिछले कुछ समय से गेहूं की सीधी बिजाई कर रहे हैं और लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं. हैपी सीडर से बिजाई की फसल का झाड़ अधिक होता है, दाने मोटे और क्वालिटी बहुत बढ़िया होती है. उसके बाद उन्होंने हैपी सीडर को कई अन्य किसानों ने भी खरीद लिया.
बता दें की जसप्रीत संत भगवान् पूरी किसान क्लब ग़ालिब खुर्द के प्रधान हैं. वे एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के किसान क्लब तथा सपना क्लब के मेम्बर भी हैं. अपनी सूझबूझ और कुशलता से वह लोगों को फसल में क्रांति के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. उनका मानना है कि किसानों को आधुनिक खेती की तरफ आना चाहिए.
कृषि जागरण डेस्क
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