क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो आंख बंद करके किसी भी ऐप को डाउनलोड कर लेते हैं? क्या आपने भी बिना सोचे समझे अपने मोबाइल में तरह-तरह के ऐप रखे हुए हैं? अगर हां तो ये नादानी आपको बहुत महंगी पड़ सकती है. शायद आपको विश्वास ना हो, लेकिन ये मोबाइल ऐप इतने खतरनाक हो सकते हैं कि बिना देर किए आपकी सारी निज़ी जानकारी को लीक कर सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं इन ऐप के जरिए जालसाज़ घर बैठे ही मात्र एक कल्कि के माध्यम से आपके वर्षों की जमा पूंजी को साफ को कर सकते हैं.
गौरतलब है कि इन ऐप्स की पूरी कंट्रोलिंग दूर बैठा कोई आदमी कर रहा होता है, जिसके पास आपकी सारी इंफ्रोमेशन होती है. आपके द्वारा प्रदान की गई सामान्य सी जानकारी से वो साइबर सिक्योरिटी के सारे लॉक्स को तोड़ता जाता है और जब तक आपकी आँखें खुलती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. बता दें कि इस साल साल की शुरुआत में सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए ऐसे दर्जनों ऐप से सचेत रहने को कहा था. वहीं आरबीआई की एक वॉर्निंग के बाद आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी समेत ऐक्सिस आदि बैंकों ने भी ऐडवाइजरी जारी की थी.
ऐनीडेस्क ऐप यूज़ करते समय रहें सचेत (Be cautious while using the Android apps)
वैसे तो ऐनीडेस्क ऐप बहुत काम की चीज़ है, लेकिन बीते दिनों देखा गया है कि जालसाजों ने इस ऐप के माध्यम से समूचे बैंक अकाउंट साफ कर दिए. इसी तरह का एक और ऐप टीम व्यूअर के नाम से प्रसिद्ध है, जो मुख्य रूप से प्रोफेशनल कामों के लिए प्रयोग होता है. लेकिन अगर इस ऐप के इंफ्रोमेशन भी जालसाझों तक पहुंच जाए तो घर बैठे ही वो आपका बड़ा नुकसान कर सकते हैं. इस ऐप का काफी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं जालसाझों के हाथ अगर यह लग जाए तो इसका वे काफी गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे ये साइबर क्रिमिनल इन ऐप के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे की चोरी कर रहे हैं।
इस तरह से होती है धोखाधड़ी (This is how fraud occurs)
जालसाज एक बैंक एग्जिक्यूटिव बनकर आपको फोन मैसेज या व्हाट्सऐप करते हैं. कुछ बहुत ही बैसिक जानकारियों को साझा करने के बाद वो लोगों को यकिन दिलाते हैं कि वो सही में बैंक के अधिकारी ही बोल रहे हैं और फिर बड़ी ही चालाकी से आपसे सारी जानकारी निकलवा लेते हैं.
व्हाट्सऐप फेसबुक पर ना दे ऐसी जानकारी (WhatsApp should not give such information on Facebook)
भूलकर भी कभी अपना ओटीपी कोड किसी के साथ व्हाट्सऐप, फेसबुक या मैसेज पर ना शेयर करें. आपके द्वारा शेयर किया ओटीपी बैंक यी किसी भी संस्थान के लिए इस बात का प्रमाण है कि उन्हें जो ओर्डर मिल रहे हैं, वो आप दे रहे हैं. इसके अलावा कभी भी अपने व्हाट्सऐप, फेसबुक आदि पर अपना एटीएम कार्ड नंबर साझा ना करें. ध्यान रहे कि बैंक कभी भी आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता है.
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