1. Home
  2. ख़बरें

मोबाइल ऐप जो बताएगा प्रदुषण का स्तर

आप के हाथ में मोबाइल है तो घडी की, कैमरे की क्या जरूरत? अब तो ऐसा भी होने लगा है की कहीं आप दिल के मरीज हैं या शुगर की बीमारी है तो ऐप के जरिये जानिए अपने दिल का हाल और उंगली रख कर देखे की आपके खून में कितनी है मिठास.

आप के हाथ में मोबाइल है तो घडी की, कैमरे की क्या जरूरत? अब तो ऐसा भी होने लगा है की कहीं आप दिल के मरीज हैं या शुगर की बीमारी है तो ऐप के जरिये जानिए अपने दिल का हाल और उंगली रख कर देखे की आपके खून में कितनी है मिठास.

बाजार से सामान खरीदना हो या कार को खरीदना या बेचना तो भी ऐप का इस्तेमाल और तो और ऐप से आप किसी को भी कोई भी पेमेंट बैंक से या फिर अपने मोबाइल से ही कर सकते हैं. ऐप एक ऐसा जिन्न है जो आपकी हर इच्छा को पूरा करता है.

अभी हाल ही में दिल्ली के भारतीय विद्यापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ छात्रों ने एक ऐसी ऐप को बनाने में सफलता पायी है जिससे आप प्रदूषण के स्तर देख सकते हैं. अमरीका की मार्कोनी सोसाइटी ने इन छात्रों के प्रयास की सरहाना करते हुए 1500 अमरीकी डॉलर का पुरस्कार भी दिया है. यह 1500 अमरीकी डॉलर एक लाख से कुछ अधिक भारतीय रुपये के बराबर होते हैं.

चलिए जानते हैं की इस ऐप में ऐसा क्या है जो की मोबाइल से आसमान की फोटो लेने पर ही बता देगा की प्रदूषण का स्तर क्या है! जिस तरह से दिल्ली और दूसरे शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है, ऐसे में ये नया ऐप कुछ हद तक मददगार साबित है।

इस ऐप की मदद से फोन के कैमरा से फोटो लेने पर पर वहां के वायु प्रदूषण के स्तर को पता किया जा सकता है। इस ऐप को विकसित करने वालों को यूएस की संस्था मरकॉनी सोसाइटी ने अवार्ड भी दिया है। इस एप को भारतीय विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों की एक टीम ने विकसित की है।

ऐप को विकसित करने वाले तन्मय श्रीवास्तव ने बताया की "ये एक वास्तविक समय वायु गुणवत्ता विश्लेषण (real-time air quality analytics) एप्लीकेशन है, इसमें आप अपने स्मार्ट फोन के कैमरा या फिर एप के कैमरे की मदद से फोटो ले सकते हैं, फोटो लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि फोटो बाहर लेनी चाहिए जिसमें फोटो में आधा आसमान भी आना चाहिए, उसके बाद इसे ऐप में अपलोड करना पड़ता है। इसके बाद उपयोगकर्ता को उस इलाके की वायु गुणवत्ता सूचकांक मिलेगा."

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मुताबिक देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित 15 शहरों में से 11 उत्तर प्रदेश के हैं। इनमे गाजियाबाद सबसे ऊपर है, जहां एक्यूआई 451 दर्ज की गई है। इसके बाद गुरुग्राम 426 एक्यूआई के साथ दूसरे नंबर पर रहा। इसके बाद बुलंदशहर 414, फरीदाबाद 413, नोएडा 408, हापुड़ 403, बागपत 401, दिल्ली 401, ग्रेटर नोएडा 394, कानपुर 383, आगरा 354, मुजफ्फरनगर 351, लखनऊ 314 और मुरादाबाद का एक्यूआई 301 रहा। इन सभी को रेड और डार्क रेड वर्गों में रखा गया है। हवा के प्रदूषण के लिए पीएम 2.5 कण जिम्मेदार होते हैं।

इस ऐप की मदद से एयर पॉल्यूशन लेवल चेक करने के लिए यूजर को बस आसमान की फोटो क्लिक करनी होगी और उसे अपलोड करना होगा। जिसके बाद मशीन लर्निंग के जरिए यूजर को अपने एरिया का 'एयर क्वालिटी इंडेक्स' पता चल जाएगा।

भारतीय विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। फोटो अपलोड करने के बाद सॉफ्टवेयर जल्दी से जल्दी से सारी जानकारी इकट्ठा करने लगता है। विश्लेषण के लिए फोटो में देखा जाता है कि कितना साफ आसमान है। इसके बाद मशीन लर्निंग मॉडल उस जगह की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का अनुमान लगाता है। अभी तक, ऐप वायु गुणवत्ता सूचकांक, पीएम 2.5, एसओ 2, ओजोन, तापमान और आर्द्रता की गणना करने में सक्षम है।

एप विकसित वाली टीम की दूसरी साथी प्रेरणा खन्ना ने बताया 'ऐप सरकार द्वारा मानकों को 0 से 500 तक चिह्नित करता है और एक्यूआई के साथ वास्तविक जानकारी देता है। जितना अभी हम ऐप का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेंगे उतना बेहतर होगा। ऐप बीटा संस्करण को विकसित करने के लिए टीम ने पांच महीने का समय लिया, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है'.

चंद्र मोहन, कृषि जागरण

English Summary: Mobile app that will tell pollution levels Published on: 10 November 2018, 05:39 PM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News