नेता हो अभिनेता हो या कोई बाबा
टिका नहीं कोई टक्कर में
बड़े-बड़े लटक गए
हुस्न के चक्कर में
ये बाल ये गाल और अदाएं
किसी को गुड़ चाहिए कोई डूब गया शक्कर में
आने वाले भी जाने वाले भी
सब हुस्न के चक्कर में
गली में उसकी बीता दी शामें
बदनाम हो गए शहर-भर में
कहां गए दिन कहां गईं रातें
हुस्न के चक्कर में
घरवालों ने खूब कोसा, दोस्तों ने समझाया
भटकने लगे घर - घर में
वो थी ही नहीं सिर्फ मैं था
हुस्न के चक्कर में
Share your comments