सनातन परंपरा में बरगद (Banyan Tree) को पूज्यनीय मना गया है, लोग इसकी न केवल पूजा करते हैं, बल्कि इसे भगवान के बराबर का दर्जा भी देते हैं. उत्तर भारत में तो इससे जुड़ा एक त्यौहार भी मनाया जाता है, जिसे वट सावित्री के नाम से जाना जाता है. इस त्यौहार के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए बरगद के पेड़ (Banyan Tree) की पूजा करती हैं और भगवान से पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
बरगद के पेड़ (Banyan Tree) को धर्म से अलग करके अगर देखा जाये, तो यह हमारी सेहत के लिए बहुत ही बेहतरीन औषधि है, क्योंकि इसमें ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कि हमारी सेहत के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकते हैं. बरगद के दूध से लेकर छाल तक हमारी सेहत को बेहद फायदा पहुंचाती है.
बरगद की छाल के फ़ायदे (benefits of banyan tree’s bark)
बरगद की छाल (Banyan tree bark) औषधीय गुणों से भरपूर होती है, क्योंकि इसमें थोसाइनिडिन, कीटोंस, फिनोल, टैनिन्स, सैपोनिंस, स्टेरोल्स, फ्लेवोनॉयड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते है, जो कि हमारी सेहत को फायदा पहुंचाते हैं.
बालों के लिए फायदेमंद है बरगद की छाल का काढ़ा(Banyan tree's bark is beneficial for hair)
आज के समय में बाल झड़ना एक आम समस्या है, ऐसे में आप बरगद की छाल से बने काढ़े का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए आपको बरगद की छाल पानी में उबाल लेना है और उससे हफ्ते में एक बार अपने आलों को धोएं. ऐसा करने से आपके बाल झड़ना बंद हो जाएंगे.
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खांसी से राहत देगा बरगद की छाल का काढ़ा(Banyan tree's bark is beneficial in cough)
बरगद की छाल का काढ़ा पीने से सर्दी, जुकाम, और खांसी की समस्या को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा गले में बलगम होने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.
नींद की समस्या में फायदेमंद है बरगद की छाल का काढ़ा(Banyan tree's bark is beneficial in sleeping problems)
अगर आपको नींद की समस्या है, तो बरगद की छाल (Banyan tree bark) से बने काढ़े का सेवन कर सकते हैं. इसके लिए आपको दिन में 2 बार सुबह और रात को सोने से पहले बरगद की छाल के काढ़े का सेवन करते रहना है. ऐसा करने से आपको जल्द ही मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और अच्छी नींद भी आएगी.
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