कुंदरू को एक बिंबी फल के रूप में जाना जाता है. यह एक उष्णकटिबंधीय लता होती है. इसकी खेती अफ्रीका और एशिया में की जाती है. कुंदरू कच्चे रहने पर हरे और सफेद धारियों से युक्त होती है. यह आकार में अंडाकार और चिकनी होती है. इसे आमतौर पर बेरी कहा जाता है. पकने पर यह लाल रंग की चमकदार हो जाती है. यह स्वादिष्ट होती है इसीलिए यह सब्जी पोषक तत्व, विटामिन और खनिज का अच्छा स्त्रोत होता है. इसमें काफी मात्रा में फाइबर, कैल्शियम, विटामिनबी 1 आदि होता है. यह एक गुणकारी सब्जी है, तो आइए जानते है कि इसके क्या-क्या रोचक फायदें है-
शुगर के लिए फायदेमंद
भारत और श्रीलंका में मधुमेह के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा के रूप में कुंदरू का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लंबे पतले तने के ऊपरी हिस्से और कच्चे पते पकाए जाते है.इसको ग्रीन सलाद और करी के लिए उपयोग होता है.
किडनी स्टोन रोक
कई लोगों को गुर्दे की पथरी की समस्या होती है. कुंदरू में मौजूद कम कैल्शियम से गुर्दे की पथरी की समस्या नहीं होती है. बल्कि पानी में जो भी कैल्शियम मौजूद होता है उसके चलते गुर्दे की पथरी होती है. कुंदरू का का रस पीना उच्च रक्तचाप और हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद होती है.
पाचन तंत्र सुधारें
कुंदरू फाइबर से भरपूर होता है जो मुख्य रूप से आपके पाचन तंत्र को ठीक से सुधारने का कार्य करती है. घुलनशील फाइबर पाचन की दर को धीमा कर देता है. यह अघुलनशील फाइबर की अवहेलना करता है जो कि पानी में नहीं घुल पाता है. कुंदरू आसानी से बावासीर, पाचन तंत्र संबंधी कई बीमारियों का जड़ से इलाज कर देता है. इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है.
मोटापे को कम करें
कुंदरू की जड़ में मोटापे के गुण को कम करने में सहायक होता है. इसमें संभावित एजेंट की मौजूदगी, मोटापे से प्रेरित चयाअपच रोगों में सुधार के लिए यह काफी उपयुक्त हो सकती है.
तंत्रिका तंत्र मजबूत करें
विटामिन बी एक ऐसा विटामिन है जो कि पानी में घुलनशील होता है. यह कुंदरू ऊर्जा के ऊत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाता है. कुंदरू अपने पोषक तत्वों, विटामिन, पोषक तत्वों, के साथ तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाए रखता है.
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